भूमि विवादों का होगा स्पीड ट्रायल, राजस्व विभाग तैयार कर रहा मामलों की सूची
- प्रदेश सरकार भूमि विवादों को लेकर जनता को राहत देने की तैयारी कर रही है. अब भूमि विवादों का स्पीड ट्रायल किया जाएगा, इसके लिए राजस्व विभाग से प्राथमिकता के आधार पर भूमि विवादों का निस्तारण किया जाएगा. इनमें उन विवादों का पहले निस्तारण किया जाएगा जिनकी वजह से आपराधिक घटनाओं को बढ़ावा मिल सकता है.

पटना. प्रदेश सरकार उन सभी संवेदनशील भूमि विवादों का स्पीड ट्रायल करवाने की तैयारी कर रही है, जिसके चलते आपराधिक गतिविधियां बढ़ रही है. सरकार ने इस संबंध में राजस्व विभाग को आंकड़े तैयार करने के निर्देश दिए, ताकि उन आंकड़ों में शामिल मामलों के स्पीड ट्रायल के कोर्ट से आग्रह किया जाएगा ताकि उनका शीध्र निस्तारण हो सके. वहीं, सरकार डीसीएलआर के बाद अब राजस्व न्यायालयों को ऑनलाइन करने जा रहा है जिससे मामलों को अधिक समय तक लंबित न रखा जा सके.
विभाग सूची तैयार करने के लिए थानों की लेगा मदद
राजस्व विभाग भूमि विवाद के मामलों की सूची प्राथमिकता के आधार पर तैयार कर रहा है, जिससे पहले उन मामलों की सुनवाई हो सके जिसके चलते अपराधिक घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है. इस सूची को तैयार करने क लिए विभाग चौकीदारों के साथ थानों की मदद लेगा. साथ ही डीपीएलआर को भी सरकार ने कड़े निर्देश देते हुए 30 दिन के अंदर फैसला देने को कहा है। अब डीपीआर किसी भी स्थिति में दो तारीख से अधिक मामलों को नहीं टाल सकेंगे.
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मामलों के निस्तारण के लिए पहली बार सृजित किया गया आईपीएस का पद
सरकार ने जल्द से जल्द सूची तैयार करने और मामलों पर नजर रखने के लिए पहली बार विभाग में आईपीएस अधिकारी का पद सृजित किया है. इस पद पर वर्तमान में चंद्रशेखर विद्यार्थी की नियुक्ति की गई है. सरकार ऐसे मामलों का जल्द निस्तारण इसलिए भी चाहती है कि कई बार वर्षों तक चलने वाले इन मामलों का लोग फायदा उठा लेते हैं. कुछ असामाजिक लोग कई बार जमीन को विवादित बनाकर उसका लाभ उठाते हैं और असली मालिक को समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
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स्थानीय स्तर पर हो छोटे विवादों का निस्तारण
अब राजस्व विभाग के अधिकारियों के सात हर हफ्ते थानाध्यक्ष भूमि विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेंगे. जिससे छोटे विवादों का निपटारा स्थानीय स्तर पर हो सके और यदि कोई मामला कोर्ट जाए तो उसका भी स्पीड ट्रायल के माध्यम से जल्द से जल्द निपटारा किया जाए. वहीं, राजस्व कोर्ट को भी ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे फैसलों पर स्टे लगाकर उसकी सुनवाई को लंबे समय तक न टाला जाए.
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