मुकेश साहनी मामले पर तेजस्वी ने CM को घेरा, कहा सरकार को बने रहने का अधिकार नहीं

पटना. बिहार के पशुपालन एवं मत्स्य विभाग मंत्री मुकेश साहनी के एक सरकारी कार्यक्रम में अपनी जगह अपने भाई संतोष साहनी को भेजने पर नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को जमकर घेरा. इस मुद्दे पर उन्होंने कई ट्वीट किए. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि इस सरकार को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. आखिरकार इस सरकार में हो क्या रहा है.
तेजस्वी ने कहा कि इस सरकार को न तो अपराध की, न पेपर लीक की जानकारी रहती है और न ही किसी मंत्री को असंवैधानिक गतिविधियों की जानकारी है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे भी लोग मंत्री हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है. ऊपर से मंत्री अब प्रॉक्सी का इस्तेमाल कर नियम तोड़ रहे है. उन्होंने मंत्री के हमशक्ल से कार्यक्रम संचालन कराने और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.
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इसके अलावा तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग की. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अविलंब इस्तीफा दें. मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता, उनकी सरकार में क्या हो रहा है? एक मंत्री की जगह उनका हमशक्ल भाई अब तक अनेक जिलों में शीर्षस्थ पदाधिकारियों की उपस्थिति में सरकारी योजनाओं का उद्घाटन कर चुका है. सीएम को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
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इससे मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि इस मसले पर मुझे ज्यादा टिप्पणी नहीं करनी. नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि कहीं अब कल को मुख्यमंत्री जी किसी क्षेत्र में व्यस्त हैं और अपनी जगह बेटे को विधानसभा भेज दें, तो क्या ये अच्छा लगेगा? उन्होंने कहा कि यदि विधायक पीए रखना चाहे तो भी वो अपने रिश्तेदारों को नहीं रख सकता है. मुकेश साहनी पर निशाना साधते हुए राजद नेता ने कहा कि जिसने कभी चुनाव नहीं जीता, उसे मंत्री बनाया गया है. इसमें गलती मुकेश साहनी की नहीं बल्कि नीतीश कुमार की है.
नीतीश कुमार अविलंब इस्तीफ़ा दें।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 6, 2021
मुख्यमंत्री को यह भी नहीं पता,उनकी सरकार में क्या हो रहा है?
एक मंत्री की जगह उनका हमशक्ल भाई अब तक अनेक जिलों में शीर्षस्थ पदाधिकारियों की उपस्थिति में सरकारी योजनाओं का उद्घाटन कर चुका है।
CM को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। pic.twitter.com/Wtde12HAUr
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