प्रशांत किशोर ने कन्हैया कुमार को राहुल गांधी से मिलाया, लेफ्ट से कांग्रेस में जाने की अटकलें

Prachi Tandon, Last updated: Thu, 9th Sep 2021, 4:45 PM IST
  • लेफ्ट पार्टी सीपीआई में इन दिनों साइडलाइन चल रहे जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. चर्चा है कि राहुल गांधी से कन्हैया की मुलाकात भी हो चुकी है जिसके सूत्रधार रणनीतिकार प्रशांत किशोर बताए जा रहे हैं.
कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)

पटना. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के सीपीआई छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. कन्हैया की कांग्रेस में एंट्री की स्क्रिप्ट चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर लिख रहे हैं और सब ठीक रहा तो बहुत जल्द कन्हैया कुमार और राहुल गांधी एक साथ नजर आ सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने कन्हैया की मुलाकात राहुल गांधी से करवा भी दी है. खास बात ये है कि बेगूसराय से लोकसभा चुनाव हारने के कन्हैया का वोल्टेज गिरा है और इन दिनों अपनी लेफ्ट पार्टी सीपीआई में वो किनारे लगा दिए गए हैं. 

सूत्रों की मानें तो कन्हैया को कांग्रेस में लाने की सलाह प्रशांत किशोर ने पार्टी को दी है. प्रशांत ने कांग्रेस को समझाया है कि उसके ज्यादातर कद्दावर नेता बुजुर्ग हैं और अगली पीढ़ी में काफी कम युवा नेता ऐसे हैं जिनकी नेशनल अपील और पहचान हो. ऐसे में लेफ्ट में दुखी चल रहे कन्हैया को कांग्रेस में लाकर युवाओं की राजनीति में उनका इस्तेमाल हो सकता है.

लेफ्ट पार्टी के सूत्रों की मानें तो बुजुर्ग नेताओं को कन्हैया की लोकप्रियता भुनाने से परहेज नहीं था लेकिन उनकी रफ्तार और उनके स्टाइल ऑफ पॉलिटिक्स ने कई वामपंथी नेताओं का हौसला पस्त कर दिया. यही वजह रही होगी कि पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में कन्हैया को अनुशासन की नसीहत देते हुए निंदा प्रस्ताव भी पास कर दिया गया. 

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अगर सब कुछ प्रशांत किशोर के प्लान से चला तो हो सकता है कि यूपी इलेक्शन से पहले कांग्रेस का हाथ पकड़कर कन्हैया उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के स्टार कैंपेनर बनकर प्रचार करते नजर आ जाएं. कन्हैया से पहले जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे संदीप सिंह भी लेफ्ट पार्टी सीपीआई माले छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और फिलहाल महासचिव प्रियंका गांधी की टीम में काम करते हैं. जेएनयू में पढ़ाई के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों आइसा, एआईएसएफ, एसएफआई की राजनीति करने वाले छात्र नेताओं के आगे चलकर कांग्रेसी होने की लिस्ट लंबीहै.

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