LJP में चिराग के तख्तापलट का अगला राउंड पटना में, दिल्ली से आ रहे पशुपति पारस

Smart News Team, Last updated: Tue, 15th Jun 2021, 4:32 PM IST
  • लोजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के प्रमुख नेताओं की दिल्ली में एक अहम बैठक हुई जिसमें पशुपति पारस की मौजूदगी में अगले पांच दिन में पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की मीटिंग बुलाने की रणनीति बनाई गई. ऐसा लगता है कि पार्टी के संसदीय दल का नेता बनने के बाद पशुपति पारस की नजर राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष की कुर्सी पर है जिसस पर अभी चिराग पासवान बैठे हैं.
लोजपा के संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस बुधवार को पटना आ रहे है.( फाइल फोटो )

पटना. लोक जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के प्रमुख नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई. लोकसभा में एलजेपी के नए नेता पशुपति पारस की मौजूदगी में हुई इस मीटिंग में अगले 5 दिन के अंदर पटना में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की रणनीति बनाई गई. राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाने की हड़बड़ी से ऐसा लगता है कि पशुपति पारस की नजर चिराग पासवान के पार्टी अध्यक्ष पद पर है. लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को पशुपति कुमार पारस के आवास पर हुई. बैठक में सर्वसम्मति से चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया. पार्टी पर पूरी तरह कब्जा करने के लिए पारस की रणनीति होगी कि राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाकर वो अध्यक्ष चुन लिए जाएं. ऐसा होता है तो रामविलास पासवान की बनाई पार्टी लोजपा में उनके बेटे चिराग पासवान पूरी तरह दरकिनार हो जाएंगे. 

फिलहाल चिराग पासवान पार्टी के अध्यक्ष हैं इसलिए ऐसी कोई राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक जो वो ना बुलाएं उसमें लिए गए फैसले पर विवाद होना तय है. ऐसी मीटिंग बुलाने का अधिकार बतौर अध्यक्ष चिराग का है. पारस कैंप चाहता है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को पटना में जुटाकर अपनी ताकत का दिखाई जाए और उसके जरिए पार्टी अध्यक्ष पद से चिराग को बेदखल करके पारस की ताजपोशी कर दी जाए. इस तरह से तख्तापलट पर पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की क्या जवाबी रणनीति होगी ये देखना दिलचस्प होगा. 

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पशुपति कुमार पारस बुधवार को पटना आ रहे हैं. पारस ने देश भर के प्रदेश अध्यक्षों से बात करना शुरू कर दिया है. साथ ही राष्ट्रीय कार्यसमिति के जो सदस्य उनके साथ हैं, उन्हें अन्य सदस्यों को पटाने और साथ लाने की जिम्मेदारी दी गई है. लोक जनशक्ति पार्टी के छह सांसदो में से पांच ने पशुपति पारस को समर्थन दिया है, जिसके बाद से उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा भी लगभग साफ हो गई है. 

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पशुपति पारस ने कहा है कि हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. 5 सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, ऐसे में नेतृत्व बदला जाए. पारस का कहना है कि वो पार्टी को तोड़ नहीं बल्कि बचा रहे हैं जिसे उनके बड़े भाई रामविलास पासवान ने पसीने से सींचा है.

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