पत्नी के कहने पर दूसरी शादी की, इंस्पेक्टर के बजाय ऑटो ड्राइवर बन गया कांस्टेबल

Smart News Team, Last updated: Thu, 16th Dec 2021, 2:50 PM IST
  • बिहार के शख्स को दूसरी शादी करने पर हवलदार (कांस्टेबल) की नौकरी से हाथ धोना पड़ा. इंस्पेक्टर बनने के बजाय अब वह पटना में ऑटो ड्राइवर बनकर अपने परिवार का गुजर बसर कर रहा है.
प्रतीकात्मक फोटो

पटना: अगर किस्मत करवट बदल दे, तो कामयाब इंसान भी सड़क पर आ जाता है. इसका एक उदाहरण पटना में देखने को मिला. कभी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस में कांस्टेबल बनकर रौब झाड़ने वाले सुधीर कुमार अब पटना की सड़कों पर ऑटो चलाकर अपना गुजर बसर कर रहे हैं. उन्होंने अपनी पत्नी के कहने पर दूसरी शादी कर ली, लेकिन वे हवलदार (कांस्टेबल) से पुलिस इंस्पेक्टर बनने के बजाय ऑटो ड्राइवर बनकर रह गए.

एबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक सुधीर कुमार बिहार में भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. 21 साल पहले उनकी ITBP में कांस्टेबल के पद पर नौकरी लगी. नौकरी लगने के 6 साल बाद सुधीर की शादी हो गई. मगर कई सालों तक उनकी संतान नहीं हुई. जब वे डॉक्टर के पास गए, तो पता चला की उनकी पत्नी कभी मां नहीं बन सकती.

बारात से पहले लड़के वालों ने वाट्सएप किया ये मैसेज, दुल्हन ने किया शादी से इनकार

इसके बाद 2012 में उन्होंने दूसरी शादी कर ली. सुधीर का कहना है कि दूसरी शादी उनकी पहली पत्नी की मर्जी से हुई थी, इसलिए तलाक नहीं दिया. मगर कुछ दिनों बाद उनकी पहली पत्नी ने विभाग में शिकायत कर दी. विभाग ने दो शादियां करने पर सुधीर को 2014 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया.

दूसरी पत्नी से दो बेटियों और एक बेटे का जन्म हुआ. मगर नौकरी जाने के बाद घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था. उन्होंने पटना में ऑटो रिक्शा चलाना शुरू किया और अपने परिवार का पेट पालने लगे. सुधीर ने अपनी बर्खास्तगी के आदेश को अदालत में भी चुनौती दी. फिलहाल ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

सीएम नीतीश बोले- मार्च 2025 तक बिहार के हर घर में होगा स्मार्ट प्री-पेड मीटर

ऑटो रिक्शा चलाने के बावजूद उनके परिवार के माली हालात ठीक नहीं है. उनकी कमाई का एक हिस्सा वकील की फीस चुकाने में चला जाता है. इसके अलावा वे पटना में कमरा किराये पर लेकर रह रहे हैं. उनके इलाके के आसपास कोई सरकारी स्कूल नहीं है और निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की उनकी हालत नहीं है. इसलिए उनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.

सुधीर के मुताबिक अगर वे पुलिस की नौकरी कर रहे होते तो अब तक प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बन गए होते. उनके साथ काम करने वाले सभी कांस्टेबल अब पुलिस इंस्पेक्टर बन गए हैं. मगर उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, इसलिए वे कांस्टेबल से ऑटो ड्राइवर बन बैठे.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें