कोरोना काल में लापरवाही! पटना के अस्पताल में कूड़े के ढेर में मिली लाखों की दवा
- पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. अस्पताल परिसर के अंदर लाखों की दवाओं को कूड़े के ढेर में पाया गया है. जिनमें टैबलेट, कैप्सूल, हैंड ग्लव्स, इंजेक्शन आदि शामिल है. सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने सोमवार को इस मामले की जांच कराने को कहा है.
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पटना. कोरोना काल में जहां लोगों को दवाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. वहीं पटना के गर्दनीबाग अस्पताल के कूड़ेदान में भारी मात्रा में दवाइयां पाई गई है. जिसका अनुमान लाखों रुपयों का लगाया जा रहा है. अस्पताल परिसर के कूड़ेदान में मिली दवाओं में टैबलेट, कैप्सूल, हैंड ग्लव्स, इंजेक्शन आदि चीजें शामिल है. हालांकि अभी तक इस मामले में जांच नहीं हो पाई है. जांच के बाद कूड़े में फेंकी गई इन दवाओं के बारे में पता चलेगा कि ये दवाएं किस तरह की है.
पटना सिविल सर्जन कार्यालय के समीप गर्दनीबाग अस्पताल में कूड़े में पाई गई दवाएं अगर जांच में एक्सापायर निकलती है, तो यह अस्पताल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही होगी. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह का कहना है कि वे सोमवार को इस मामले की जांच कराएंगी. बता दें कि कूड़े के ढेर में फेंकी गई लाखों की दवाओं के अलावा यहाँ भारी मात्रा में वैक्सीन रखने वाले स्टोरेज बॉक्स भी टूटूी-फूटी अवस्था में बिखरे हुए मिले है. जिसका निपटारा अस्पताल प्रशासन ने वैज्ञानिक तरीके से करने की बजाय कूड़े में इसे फेंक दिया.
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गौरतलब है कि इससे पहले दर्जनों की संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडरों को इसी तरह कूड़े के ढेर में पाया गया था. करीब 36 नए ऑक्सीजन सिलेंडर गर्दनीबाग में सिविल सर्जन कार्यालय और कैंपस में कूड़े के ढेर में पड़े हुए मिले थे. ऐसा मामला तब देखने को मिला था जब कोरोना मरीज एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मंहगा दाम चुका रहे थे. हालांकि इस मामले के बारे में मीडिया को जानकारी होने के बाद प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडरों को कूड़े के ढेर से हटा दिया.
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