SC में मुंबई पुलिस के वकील बोले- बिहार पुलिस ने खुद छोड़ा केस, हमसे कर रहे बहस

Smart News Team, Last updated: Wed, 5th Aug 2020, 4:45 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर सुनवाई हुई. इस मामले में मुंबई पुलिस की ओर से वकील ने कोर्ट के सामने पक्ष रखा. सबूतों से छेड़खानी की बात पर उन्होंने कहा कि इसमें मुंबई पुलिस की कोई दिलचस्पी नहीं.
सुप्रीम कोर्ट में मुंबई पुलिस के वकील ने कहा- बिहार पुलिस ने खुद छोड़ा केस, अब हमसे बहस कर रहे हैं.

वरिष्ठ वकील आर बेसेंट ने आज महाराष्ट्र सरकार की ओर से सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने पक्ष रखा. उन्होंने कैविएट याचिका पर महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखा. ये पक्ष सुशांत सिंह राजपूत के केस को पटना से मुंबई भेजे जाने की अर्जी पर रखा गया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि, हमारे पास सरकार की ओर से एसजी ने क्या कहा है और बिहार सरकार ने क्या निर्णय लिया है सब जानकारी है. जहां तक स्थानांतरण याचिका का संबंध है, यहां मुद्दा अधिकार क्षेत्र का है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता को क्या जवाब दिया है इस पर बताएं.

वरिष्ठ अधिवक्ता बेसेंट ने कहा, पटना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कार्रवाई का कोई कारण नहीं है. पटना में कुछ नहीं हुआ है. यह एक राजनीतिक मामला है. मुंबई में बिहार पुलिस का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. संघवाद के सिद्धांतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. इस पर जस्टिस रॉय ने कहा, अब तक शायद मुंबई पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया है. हमें यकीन नहीं है कि सभी पहलुओं को एफआईआर में रखा जा रहा था.

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एडवोकेट बेसेंट ने कहा कि कोई है जिसने मुंबई पुलिस से शिकायत नहीं की है, वो कह रहे हैं कि हम उचित काम नहीं कर रहे हैं. संघवाद की अवधारणा दो पुलिस एक दूसरे की नौकरी में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. मैं यह सुनिश्चित करने के लिए सभी रिकॉर्ड रख सकता हूं कि हम बहुत ही पेशेवर काम कर रहे हैं. 

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वहीं सबूतों के साथ छेड़छाड़ होने की बात पर उन्होंने कहा कि, मुंबई पुलिस की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. सबूतों को क्यों नष्ट किया जाएगा? वहीं बिहार सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रोहतगी ने कहा, वरिष्ठ अधिवक्ता बेसेंत को सुनने से ऐसा लगता है कि वह याचिकाकर्ताओं के लिए बहस कर रहे हैं. इस पर बेसेंट ने कहा, इस तरह के बेकार आरोप न लगाएं. बिहार पुलिस ने खुद केस छोड़ दिया है और अब हमारे खिलाफ बहस कर रही है?

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