साइबर अपराध से खुद को बचा सकेंगी बिहार की बेटियां, NCERT करेगी मदद

Haimendra Singh, Last updated: Sun, 2nd Jan 2022, 7:40 AM IST
  • स्कूल में पढ़ने वाली बिहार की छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाने के लिए एनसीईआरटी जागरुकता अभियान चलाने जा रहा है. साइबर क्राइम से बेटियों को बचाओं अभियान के तहत छात्राओं को विद्यालय में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए अलग-अलग राज्यों के 17 आईपीएस अधिकारियों की भी मदद ली गई है.
एनसीईआरटी बिहार की बेटियों को देगी साइबर क्राइम बचाव टिप्स.( सांकेतिक फोटो )

पटना. इंटरनेट आने के बाद लोगों के कार्य करने के तरीके तेजी से बदल रहे हैं. जिससे लोगों को कई तरीके की सुविधाएं तो मिली है लेकिन वह दिन-प्रतिदिन साइबर क्राइम के शिकार होते जा रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी) ने बिहार की स्कूली बेटियों को साइबर अपराध से बचाने के लिए 'साइबर क्राइम से बेटियों को बचाओं' अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत बेटियों को बताया जाएगा, कि ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन शॉपिंग और ब्राउज़र पर कोई साइड ओपन करते समय किस तरीके से सावधानी बरतनी चाहिए. एनसीईआरटी में साइबर को लेकर एक किताब भी तैयार की है.

एनसीईआरटी साइबर अपराध टिप्स के साथ-साथ बेटियों को प्रैक्टिकल तौर पर समझाया भी जाएगा. इसके लिए राज्य के सभी स्कूलों में ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके अलावा प्रशिक्षण के बाद छात्राओं को प्रणाम पत्र भी दिए जाएगा. बता दें कि एनसीईआरटी ने ‘साइबर सेफ गर्ल’ नाम से किताब तैयारी की है जिससे कोर्स के दौरान छात्राओं को दिया जाएगा. एनसीईआरटी ने इस किताब में करीब 25 बिंदुओं पर फोकस किया है जिसमें मोबाइल रिचार्ज दुकान, डेबिड कार्ड क्लोनिंग की लॉगर, एसएमएस, कॉल, ऑनलाइन गेम, साइबर स्टालकिंग, पिक्चर अपलोडिंग, प्रोफाइन हैकिंग, ऑनलाइन गेमिंग, डेटिंग वेबसाइट आदि जैसे मुद्दों पर फोक्स किया गया है.

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17 आईपीएस आधिकारियों की ली मदद

एनसीईआरटी ने इस अभियान के लिए देश के अलग-अलग राज्यों को 17 आईपीएस अधिकारियों की मदद ली है. अधिकारियो से पूछा गया है कि साइबर अपराध के केसों को कैसे सुलझाया जाता है. इसके अलावा लोगों को किस-किस तरीके से साइबर अपराधी अपना शिकार बनाते है. इन सभी को जानने और उसी के अनुसार बचाव के तरीकों से भी लोगों को अवगत कराया जाएगा.

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