सड़क दुर्घटना रोकने की तैयारी, राज्य की 35 हजार किमी सड़कों की होगी सुरक्षा ऑडिट

Uttam Kumar, Last updated: Fri, 21st Jan 2022, 7:48 AM IST
  • बिहार सरकार राज्य की 35 हजार किमी सड़कों की सुरक्षा ऑडिट करा रही है. ताकि सड़क दुर्घटना में होने वाली जान माल का नुकसान को कम किया जा सके. और रिपोर्ट के आधार पर सड़कों में आवश्यक सुधार किए जा सके.
बिहार की 35 हजार किमी सड़कों की सुरक्षा ऑडिट होगी.

पटना : बिहार में सड़कों की बदहाल स्थिति को लेकर हाईकोर्ट द्वारा लगातार फटकार के बाद राज्य सरकार की नींद खुली है. बिहार सरकार ने राज्य की 35,000 किलोमीटर सड़कों की इस साल सुरक्षा ऑडिट करवाने का फैसला किया है. रिपोर्ट के आधार पर सड़कों में आवश्यक सुधार किए जाएंगे. ताकि सड़क दुर्घटना को कम किया जा सके. सड़कों की सुरक्षा ऑडिट ऑडिट का काम एनएचएआई भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से किया जाएगा. 

इसके तहत एनएचआई के अधीन 2649 किलोमीटर सड़कों को भी ऑडिट किया जाना है. जिसमें से एनएचएआई द्वारा अब तक 1248 किलोमीटर सड़कों का ऑडिट का काम पूरा किया जा चुका है. वहीं विभाग के अधीन कुल 21,774 किलोमीटर सड़कों में से 28,065 किलोमीटर सड़कों का सुरक्षा ऑडिट काम पूरा हो चुका है. बाकी 18,800 अड़सठ सड़कों का ऑडिट करना बाकी है. बिहार सरकार ने तय समय पर सड़कों की सुरक्षा ऑडिट करने के लिए एनएचआई को आवश्यक निर्देश दिया है. 

बिहार में नई कोरोना गाइडलाइंस जारी, 6 फरवरी तक नाइट कर्फ्यू, शादी में 50 लोग होंगे शामिल

राज्य की सड़कों की सुरक्षा ऑडिट इसलिए करवाया जा रहा है ताकि सड़क दुर्घटना में होने वाले छति को कम किया जा सके. सुरक्षा ऑडिट में एनएचआई द्वारा राज्य की सड़कों का आकलन किया जा रहा है. सेफ्टी ऑडिट में यह देखा जाएगा कि कौन सी सड़क दुर्घटना के लिहाज से अधिक खतरनाक है. रिपोर्ट के आधार पर सड़क दुर्घटना रोकने को आवश्यक कार्रवाई होगी.इसके तहत सड़कों की संरचना में सुधार और स्ट्रीट लाइट जैसे व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा. ताकि जानमाल का नुकसान कम हो सके. 

रिपोर्ट के अनुसार अभी राज्य में सड़क दुर्घटना के कारण सबसे अधिक एनएच पर होती है. सड़क दुर्घटना के कारण राज्य में होने वाली कुल मौतों में 59 फीसदी मौत एनएच पर हो रही है. वहीं 21 फीसदी मौत स्टेट हाइवे पर तो 30 फीसदी मौत एमडीआर व ग्रामीण सड़कों पर हो रही है. 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें