बिहार में खाद की कीमतों पर CM नीतीश सख्त, एक रुपया भी ज्यादा लिया तो होगी FIR
- बिहार की नीतीश सरकार ने खाद को लेकर कड़ाई दिखाते हुए ज्यादा मुल्य लेने पर कार्रवाई की बात कही है. साथ ही आदेश दिए जा रहे हैं कि किसानों से इस बारे में बात ये पता किया जाए कि डीलर खाद की ज्यादा कीमत तो नहीं ले रहा है और अगर कहीं गड़बड़ी मिली तो खाद कंपनियों को भी इसके लिए जिम्मेवार माना जाएगा.
बिहार की नीतीश सरकार ने खाद को लेकर कड़ाई दिखाते हुए ज्यादा मुल्य लेने पर कार्रवाई की बात कही है. साथ ही आदेश दिए जा रहे हैं कि किसानों से इस बारे में बात ये पता किया जाए कि डीलर खाद की ज्यादा कीमत तो नहीं ले रहा है और अगर कहीं गड़बड़ी मिली तो खाद कंपनियों को भी इसके लिए जिम्मेवार माना जाएगा. दरअसल, अब से बिहार के कृषि समन्वयक भी खाद की कीमतों पर नजर रखेंगे.
साथ ही वो अपनी ग्राम पंचायत के किसानों से बातकर ये जानकारी लेंगे कि कोई भी डीलर खाद की ज्यादा कीमत तो नहीं ले रहा है. अगर इस तरह की कोई शिकायत और कहीं भी कोई गड़बड़ी मिली तो खाद कंपनियों को इसके लिए जिम्मेवार माना जाएगा और इसको सख्त कार्रवाई भी हो सकती है. वहीं कृषि निदेशक आदेश तितरमारे ने खाद संबंधी किसी भी शिकायत को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति बनाई है. नीति में कृषि अधिकारियों के साथ खाद कंपनियों की भी जिम्मेवारी तय की गई है.
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साथ ही इस चीज की अधिकारी तो निगरानी रखेंगे और खाद पर एक रुपया भी ज्यादा लेने की शिकायत पर 24 घंटे के अंदर FIR दर्ज की जाएगी. साथ ही कंपनियों को भी कई तरह की जिम्मेवारी दी गई है. वहीं निदेशक द्वारा निर्गत पत्र में रेलवे रैक प्वाइंट के भाड़ा के नाम पर कोई किसानों से खाद की ज्यादा कीमत ले तो इसके लिए कंपनी के अधिकारी पर भी कार्रवाई होगी.
24 घंटे में दर्ज होगी एफआईआर
इसके लिए सभी कंपनियों के राज्य प्रबंधक को निर्देश दिया गया है कि वह अपने एक अधिकारी के खाद की कीमत पर नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी बनाएं. विभाग ने अपनी नीति में डीलर द्वारा खरीददार को रसीद नहीं देना, स्टॉक की सही जानकारी और कीमत प्रदर्शित नहीं करना, बिना लाइसेंस खाद की बिक्री करना या फिर यूरिया के साथ दूसरी खाद को टैग कर बेचना आदि अनियमितताओं के लिए कंपनियों को जिम्मेदार माना है. ऐसी स्थिति आने पर 24 घंटे में एफआईआर दर्ज होगी.
खरीफ में खाद की जरूरत
- 10 लाख टन यूरिया की होगी जरूरत
- 3.5 लाख टन डीएपी की जरूरत
- 02 लाख टन एनपीके की जरूरत
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