जाति जनगणना के मसले पर नीतीश की जेडीयू और लालू-तेजस्वी की आरजेडी का सुर मिला
- बिहार में जाति जनगणना को लेकर सत्ताधारी पार्टी जेडीयू (जनता दल यूनाईटेड) और विपक्ष की पार्टी राजद (राष्ट्रीय जनता दल) एक साथ मिल गए हैं. दोनों पार्टियों का एक ही मत है कि देश में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए.
पटना. देश में होने वाली साल 2021 की जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू (जनता दल यूनाईटेड) और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के एक ही विचार हैं. दोनों पार्टियों का कहना है कि इस बार की जनगणना में जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की देश में कितनी आबादी है यह पता लगना चाहिए. हालांकि केंद्र ने अभी इस मामले में साफ इनकार कर दिया है.
वहीं जाति आधारित जनगणना नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सत्ताधारी पार्टी जदयू और विपक्षी राजद के सुर एक मिल गए हैं. दोनों पार्टी केंद्र के इस फैसले का विरोध कर रही हैं. बता दें कि दो दिन पहले इस मामले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में कहा था कि 2021 की जनगणना के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जाति की आबादी की गणना नहीं होगी. जनगणना हर 10 साल में होती है लेकिन इस बार जनगणना की प्रक्रिया में कोविड महामारी के कारण देरी हो रही है.
केंद्र सरकार के इस फैसले पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा सरकार के इस फैसले से हम निराश और आहत हैं. देश में जाति आधारित जनगणना आवश्यक है क्योंकि इसकी मदद से ही हम पिछड़े वर्गों के आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर लोगों की पहचान करके उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने में मदद कर सकते हैं. इसलिए हम जनसंख्या की जाति आधारित जनगणना चाहते हैं.
बिहार यात्रा में बोले उपेंद्र कुशवाहा- विधानसभा चुनाव में JDU के खिलाफ साजिश की
इसके साथ ही त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में एनडीए सरकार के साथ है. दिल्ली में पार्टी 31 जुलाई को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मामले पर चर्चा करेगी और जाति जनगणना की मांग के लिए एक प्रस्ताव पारित करने की कोशिश करेगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे और हम इस मामले पर चर्चा करेंगे. हम जाति आधारित जनगणना के लिए दबाव बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी लाएंगे. इसके साथ ही जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता का समर्थन किया है.
वहीं बिहार में विपक्ष नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी केंद्र सरकार के जाति आधारित जनगणना नहीं करने के फैसले को अनुचित बताया है. इसके साथ ही खबर ये भी है कि जाति आधारित जनगणना के लिए दबाव बनाने के लिए जल्द ही राजद पार्टी आने वाले हफ्तों में एक आंदोलन शुरू करने की योजना बना रही है.
बिहार सरकार में उद्योग मंत्री बने शाहनवाज हुसैन, जेपी नड्डा ने किया सम्मानित
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर जनगणना में जानवरों, साइकिलों, स्कूटरों और विभिन्न धर्मों का पालन करने वाली आबादी की गणना हो सकती है, तो पिछड़े वर्गों की गिनती क्यों नहीं हो सकती है. इस गणना के लिए सिर्फ एक कॉलम ही जुड़ना है और नहीं इससे सरकार का पैसा अधिक खर्च होगा. केंद्र पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना कराने का इच्छुक क्यों नहीं है.
अन्य खबरें
बिहार यात्रा में बोले उपेंद्र कुशवाहा- विधानसभा चुनाव में JDU के खिलाफ साजिश की
बिहार में प्रतियोगिता परीक्षाएं करने की मिली मंजूरी, इन बातों का रखना होगा ध्यान
EPFO: PF अकाउंट से निकाल सकते हैं 1 लाख रुपये, सरकार ने बदले ये नियम