दिव्यांगों के लिए अनिवार्य हुआ ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र, अप्रैल से चलेगा विशेष अभियान
- सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए एक अप्रैल से ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया गया है. ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए बिहार के सभी जिलों में शिविर लगाकर अभियान चलाया जाएगा.

पटना. बिहार में ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र की मान्यता खत्म होने वाली है. बिहार में ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र की मान्यता नए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से खत्म होने वाली है. वहीं अब बिहार में ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी जिलों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने को लेकर विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. भारत सरकार के निर्देश के बाद बिहार सरकार की तरफ से पहल तेज कर दी गई है.
सूत्रों के अनुसार ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनने और यूडीआईडी जेनरेट होने के दिव्यांगजनों को काफी लाभ मिलने वाला है. इसके बनने से दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, नौकरियों में आरक्षण, रेलवे व यातायात के अन्य साधनों के उपयोग सहित विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े हुए लाभ मिल सकेंगे. वहीं इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र जरूरी कर दिया गया है. इस प्रमाणपत्र से दिव्यांगों का एक आईडी जेनेरेट की जाती है. जो पुरे देश में मान्य है.
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जानकारी के अनुसार ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिलों में शिवरों का आयोजन किया जाएगा. इन शिवरों में उनके पुराने प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी. इसके साथ ही उनके प्रमाण पत्रों का यूडीआईडी भी जेनेरेट किया जाएगा. ऑफलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई जिलों में शिविरों का आयोजन शुरू कर दिया गया है. बता दें कि सभी दिव्यांगों को यूनिक विकलांगता आईडी कार्ड विशिष्ट पहचान प्रदान की जाती है. जिसमें उन्हें एक यूनिक डिसएबिलिटी आईडी नंबर दिया जाता है. वहीं इसके बनने के बाद दिव्यांगों को प्रमाण पत्र लेकर नहीं घूमना पड़ेगा.
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