पटना: जलाशयों पर लोगों ने कब्जा कर किया स्थाई निर्माण, हटाने में प्रशासन परेशान

Smart News Team, Last updated: Sat, 17th Jul 2021, 10:19 AM IST
  • जल जीवन हरियाली योजना के तहत पुराने जलाशयों का जीर्णोद्धार उसे इस्तेमाल में लाने लायक बना रही है. लेकिन सरकार को सबसे बड़ी समस्या तब आ रही है जब मौके पर दबंगों द्वारा स्थाई निर्माण कर कब्जा कर लिया गया है.
पटना: जलाशयों पर लोगों ने कब्जा कर किया स्थाई निर्माण, हटाने में प्रशासन परेशान (फाइल फ़ोटो)

पटना: जल की समस्या से लगभग देश के सभी हिस्से जूझ रहें हैं, इसी को देखते हुए राज्य सरकारें और केंद्र पुराने जलाशयों को फिर से इस्तेमाल में लाने लायक बनाने के लिए नई-नई योजनाएं लाती हैं. इसी क्रम में बिहार सरकार भी जल जीवन हरियाली योजना के तहत पुराने जलाशयों का जीर्णोद्धार उसे इस्तेमाल में लाने लायक बना रही है. लेकिन सरकार को सबसे बड़ी समस्या तब आ रही है जब मौके पर दबंगों द्वारा स्थाई निर्माण कर कब्जा कर लिया गया है. अगर अकड़ों पर एक नजर डाला जाए तो पटना जिले में जल संचय के लिए चिन्हित 2261 जलाशयों पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था, लेकिन इसमें से 1657 ऐसे जलाशय हैं जिस पर अब भी अतिक्रमण बरकरार है. 

सरकार के आदेश के बाद आज भी इन जलाशयों पर से स्थानीय प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटवा सका. इनमें सबसे अधिक अतिक्रमण पालीगंज, पटना सदर, बिहटा, विक्रम और मसौढ़ी प्रखंडों में है. अगर अतिक्रमण हटाने के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो मालूम पड़ता है की मात्र 594 जल संरचनाओं से ही पिछले 3 साल में अतिक्रमण हटाया जा सका है. इतना ही नहीं जो काम जल विभाग के हाथ में है जैसे की कुओं का जीर्णोद्धार वह परियोजनाएं भी कछुए की चाल से चल रहीं हैं.

अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस: हर दिन जजों की संख्या घट रही, कैसे मिलेगा न्याय

सरकार के द्वारा जलाशयों को जीवित करने के लिऐ जल जीवन हरियाली योजना के तहत ग्रामीण इलाके में जल स्रोतों को बढ़ावा दिया जाना है. इसके लिए जिला पंचायती राज शाखा राजस्व शाखा एवं पीएचईडी को संयुक्त रूप से काम करना है. 606 जगहों को अतिक्रमण हटाने के लिए चिन्हित किया गया है जहां अतिक्रमण हटाया जाना है, उसमें आहर, पोखर, पइन, कुआं शामिल है, अगर प्रखंडवार अतिक्रमण पर नजर डाला जाए तो सबसे अधिक पालीगंज प्रखंड में 326 जगहों पर अतिक्रमण है. इसके बाद पटना सदर में 153, बिहटा में 146, विक्रम और नौबतपुर में 137 तथा दुल्हन बाजार में 122 जगह पर अतिक्रमण है.

बिहार CM नीतीश कुमार बाढ़ को लेकर काफी परेशान, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

अधर में पड़ा है 1058 कुओं का जीर्णोद्धार

अगर कुओं की बात करें तो पटना जिले में कुल 1336 जगहों पर कुओं का जीर्णोद्धार करना है इसमें मात्र 316 जगहों पर ही जीर्णोद्धार का काम किया गया है. शेष 1058 जगहों पर अभी भी कुओं के जीर्णोद्धार का काम अटका हुआ है. डीआरडीए निदेशक पटना अरविंद कुमार ने कहा कि जल जीवन हरियाली के पोर्टल में पटना जिले से कुछ ऐसे आंकड़े अपलोड कर दिए गए हैं जो लक्ष्य में शामिल नहीं थे इसलिए पटना जिले में जल जीवन हरियाली से संबंधित रिपोर्ट को पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा, इसके बाद जिले की राज्य में रैंकिंग ठीक हो जाएगी.

 

राज्य में पटना जिले की रैंकिंग

जल संरचना से अतिक्रमण हटाना नौवां स्थान, जल संचय का जीर्णोद्धार 19वां स्थान, कुओं का जीर्णोद्धार 36वां स्थान सोख्ता एवं रिचार्ज संरचना निर्माण 20वां स्थान, चेक डैम निर्माण 18वां स्थान, जल स्रोतों का निर्माण 11वां स्थान वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण 27वां स्थान, पौधशाला सृजन एवं वृक्षारोपण तीसरा स्थान, जैविक खेती एवं टपका सिंचाई 26वां स्था,न सौर ऊर्जा उपयोग में प्रोत्साहन आठवां स्थान.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें