पटना अटल पथ रोड एक्सीडेंट ने खोल दी पोल, बिहार में मुर्दों का भी होता है इंश्योरेंस
- राजधानी पटना के अटल पथ के पास हुए असिस्टेंट कमिश्नर की सड़क हादसे में मौत ने एक बड़े राज से पर्दा उठाया है. जांच में पता चला है कि बिहार में मुर्दों का भी इंश्योरेंस होता है. जिस कार ने असिस्टेंट कमिश्नर की गाड़ी को टक्कर मारी थी, उसके ऑनर की मौत 6 साल पहले ही हो गयी थी. लेकिन फिर भी उसके नाम पर 15 दिसम्बर 2021 को इंश्योरेंस हुई है.
पटना: हाल ही में हुए बिहार की राजधानी पटना के अटल पथ के पास हुए असिस्टेंट कमिश्नर की सड़क हादसे में मौत ने एक बड़े राज से पर्दा उठाया है. जांच में पता चला है कि बिहार में मुर्दों का भी इंश्योरेंस होता है. दरअसल, जिस कार ने असिस्टेंट कमिश्नर की गाड़ी को टक्कर मारी थी, उसके ऑनर की मौत 6 साल पहले ही हो गयी थी. लेकिन फिर भी उसके नाम पर 15 दिसम्बर 2021 को इंश्योरेंस हुई है. हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि किसी वाद विवाद को लेकर डीटीओ ने कार (जिस कार ने असिस्टेंट कमिश्नर की गाड़ी को टक्कर मारी) के परिचालन पर रोक भी लगा दी थी लेकिन पटना की सड़कों पर किसी तरह कार को दौड़ाने के लिए कार ऑनर की मौत होने के बाद भी उसके नाम पर इंश्योरेंस करा दी गयी.
मामला क्या है?
मालूम हो कि पिछले रविवार को पटना के अटल पथ पर एक बेहद दर्दनाक हादसा हो गया था. राजधानी की इंद्रपुरी रोड नंबर- 4 के सामने तेज रफ्तार से आ रही फार्च्यूनर ने एक कार को टक्कर मार दी थी. टक्कर इतनी भयंकर थी कि कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से जा टकरा गई. डिवाइडर से टकराने के बाद कार की टक्कर बाइक और स्कूटी से भी हो गई. यह टक्कर इतनी भयंकर थी कि स्कूटी और बाइक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं स्कूटी पर सवार असिस्टेंट कमिश्नर असीम कुमार की इस हादसे में मौत हो गयी. उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वहीं इस हादसे में एक अन्य की भी मौत हुई थी.
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कार ऑनर की 6 साल पहले हो गयी थी मौत
इस सड़क हादसे को लेकर जब पटना पुलिस ने जांच की तो उन्हें चौकानें वाली बातें पता चली. जानकारी के मुताबिक जिस कार ने असिस्टेंट कमिश्नर की गाड़ी में टक्कर मारी थी उसके ऑनर उदय कुमार सिन्हा का 15 दिसम्बर 2015 को मौत हो गयी थी. जिसके बाद डीटीओ ने पटना पुलिस को लेटर लिखकर यह जानकारी दी थी कि इस गाड़ी के परिचालन पर रोक लगा दी गयी है. इसके पीछे का कारण बताया गया था कि किसी सम्पति विवाद को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट का फैसला नहीं आ जाने तक कार के परिचालन पर रोक रहेगी. बता दें कि सम्पति विवाद के कारण कार नागेश्वर कॉलोनी में रहनेवाले रौशन कुमार के पास है.
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ट्रैफिक थाना की अलग कहानी
इधर ट्रैफिक थाना गांधी मैदान की ओर से कहा गया है कि 2016 में डीटीओ ने कार के परिचालन पर रोक लगाई थी. लेकिन कुछ महीने बाद ही कार से रोक हटा ली गई थी. जबकि उदय कुमार सिन्हा के बेटे ने इसी महीने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को लेटर लिखकर कार को रोशन कुमार से जब्त करने का आग्रह किया था. मृत उदय कुमार सिन्हा के बेटे ने हवाला दिया था कि उसके पिता (उदय कुमार सिन्हा) और उसकी माता का देहांत हो गया है, एक्सीडेंट होने के बाद इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजा लेने के लिए वे उपलब्ध नहीं होंगे. इसलिए कार ऑनर की अनुपस्थिति में कार को जब्त कर लिया जाए. लेकिन इसपर कार्रवाई नहीं हुई.
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