साइबर ठगों ने व्हाट्सएप क्लोन करके 140 डॉक्टरों, खिलाड़ी, एक्टर से मांगे पैसे

Smart News Team, Last updated: Tue, 13th Jul 2021, 12:54 PM IST
  • पटना शहर के मशहूर फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर राजीव कुमार सिंह के व्हाट्सएप का क्लोन बनाकर साइबर अपराधियों ने डॉक्टर के परिचित 140 डॉक्टरों, खिलाड़ी और कलाकारों से पैसे की मांग की. इसके अलावा साइबर अपराधियों ने डॉक्टर के फेसबुक का क्लोन आईडी बनाकर पैसे की डिमांड की है.
पटना शहर में पहली बार व्हाट्सएप क्लोन के जरिए पहली बार ठगी का मामला सामने आया है.(प्रतीकात्मक चित्र)

पटना : पैसे लूटने के चक्कर में साइबर अपराधी आए दिन कोई न कोई नए तरीके से जनता को अपना शिकार बनाते हैं. इस बार साइबर अपराधियों ने पटना के 140 डॉक्टरों, खिलाड़ियों और कलाकारों को अपना शिकार बनाने की साजिश रची. हुआ कुछ ऐसा कि साइबर अपराधियों ने पटना के मशहूर फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर राजीव कुमार सिंह के व्हाट्सएप का एक क्लोन तैयार किया. जिसकी मदद से अपराधियों ने डॉक्टर के परिचित लोगों से पैसे की डिमांड की और ब्लैक मेलिंग करने लगे. इन सारी बातों से अनजान पीड़ित डॉक्टर को सोमवार को लोगों के कॉल आने लगे. लोगों ने डॉक्टर से सारी बातें बताई तो पीड़ित डॉक्टर यह बातें सुनकर दंग रह गए. फिलहाल इस मामले में पीड़ित डॉक्टर ने पटना के एसएसपी और डीजीपी के सामने शिकायत दर्ज करवाई है.

साइबर अपराधी यहीं नहीं रुके उन्होंने डॉक्टर के फेसबुक अकाउंट का भी एक क्लोन अकाउंट बनाया. जिसके बाद उन्होंने लोगों को डॉ राजीव बन कर पैसे के लिए मैसेज किया. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि साइबर अपराधियों ने पीड़ित डॉक्टर के आईडी प्रूफ का इस्तेमाल करके जाली नंबर लिया होगा. क्योंकि जिन नंबरों से डॉक्टरों को मैसेज भेजा गया वो नंबर ट्रू कॉलर पर चेक करने पर डॉ राजीव कुमार सिंह के नाम से चालू बताया जा रहा है. आपको बता दें डॉक्टर राजीव कुमार सिंह पटना के साईं फिजियोथैरेपी एंड वैलनेस सेंटर के डायरेक्टर हैं. पीड़ित डॉक्टर बिहार के मशहूर डॉक्टरों में से एक हैं. इसके अलावा डॉ राजीव जेडीयू के मेडिकल सेल के वाइस प्रेसिडेंट भी है.

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डॉ राजीव ने बताया कि वो फिजियोथैरेपी करते हैं इसलिए उनके संबंध भारतीय खिलाड़ियों और एक्टर से भी हैं. मुबंई तक उन लोगों को पैसे के लिए मैसेज भेजे गए हैं. कुछ दिन पहले ही यूपी के वाराणसी शहर में घूमने गए थे. इस बीच वाराणसी से कुछ दूरी पर मौजूद मिर्जापुर में 9 जुलाई को एक होटल लेकर रुके थे. होटल में रुकने के दौरान उन्होंने वहां पर अपनी आईडी कार्ड भी दी थी. वही पीड़ित डॉक्टर ने जब अपने लेवल पर जांच की तो पता चला जिस नंबर से लोगों से पैसे की मांग की जा रही है वह मिर्जापुर का ही है. फिलहाल पुलिस इस मामले में कार्यवाही कर रही है.

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