कोरोना संकट में अच्छी खबर: पटना के 30 निजी अस्पतालों में भी होगा कोविड का इलाज

Smart News Team, Last updated: Sun, 19th Jul 2020, 11:18 AM IST
  • बिहार में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों को रखना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कोरोना काल संकट के बीच राहत की खबर है कि पटना के 30 बड़े निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज होगा।
निजी अस्पतालों में उपचार का देना होगा शुल्क, अस्पतालों को बनाने होंगे आइसोलेशन वार्ड (फाइल फोटो)

बिहार में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों को रखना प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में कोरोना काल संकट के बीच राहत की खबर है कि पटना के 30 बड़े निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज होगा। अब पटना के जिन प्राइवेट अस्पतालों कोरोना के मरीज जाएंगे, वे कोरोना संक्रमित मरीजों को सरकारी अस्पतालों में रेफर नहीं करेंगे। डीएम की पहल पर इन अस्पताल के प्रबंधकों ने आवेदन दिया है। हालांकि संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए इन्हें अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाना होगा।

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माना जा रहा है कि आने वाले एक-दो दिनों में पटना के प्रमुख बड़े निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। डीएम कुमार रवि ने पटना शहर के सभी प्रमुख बड़े अस्पताल के संचालकों के साथ मीटिंग कर आइसोलेशन वार्ड बनाने को कहा है।

दरअसल, बीते कुछ दिनों से राजधानी के अस्पातलों से ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि सुविधा की कमी की वजह से प्राइवेट अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का उपचार नहीं कर रहे हैं। इस वजह से मरीजों को भटकना पड़ता था और उन्हें खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जैसे कोरोना संदिग्ध की रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी, प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीज को सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया जाता था।

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इसकी एक और वजह यह भी है कि कोरोना वायरस के अचानक बढ़े मामलों में सरकारी अस्पातलों में जगह कम पड़ रही थी और इसीलिए प्राइवेट अस्पतालों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

हालांकि, प्राइवेट अस्पतालों में लोगों का मुफ्त में उपचार नहीं होगा मगर प्रशासन ने किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने का निर्देश दिया है। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार में आमतौर पर कितने खर्च आएंगे मगर इस विषय पर जिला प्रशासन अस्पताल संचालकों के साथ बातचीत कर रहा है। ताकि न्यूनतम खर्च पर मरीजों का उपचार हो सके।

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