पटना एम्स बना कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल, केवल कोरोना मरीजों का होगा इलाज
- बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस के इसी खतरनाक प्रकोप को देखते हुए पटना एम्स को पूरी तरह से कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया है।

बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए पटना एम्स को पूरी तरह से कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया गया है। पटना एम्स में अब केवल कोरोना वायरस के मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। एम्स के कोविड-19 डेडिकेटेडअस्पताल बनने से अब यहां कोरोना संक्रमितों को छोड़कर कोई दूसरी बीमारी के मरीजों को नहीं देखा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने एम्स को कोविड-19 के रूप में परिवर्तित करने का दिया आदेश।
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दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 अस्पताल बनाने के एम्स प्रशासन के प्रस्ताव की अनुशंसा की थी, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। इसके बाद सरकार के अपर सचिव कौशल किशोर ने इस संबंध में एम्स अधीक्षक को आदेश जारी कर दिया गया।
पटना एम्स में वैक्सीन का ट्रायल
इस बीच, पटना एम्स में कोरोना की वैक्सीन बनाने की कवायद तेज हो गई है। कोरोना वैक्सीन की खोज में पटना एम्स में वैक्सीन के ट्रायल के लिए 18 मरीजों का चयन किया गया है। सोमवार से इन मरीजों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा।
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पटना में कोरोना वायरस का कहर
पटना में शुक्रवार को 382 कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज मिले, जो एक दिन में अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। सिविल सर्जन के मुताबिक, कोरोना के 382 मरीजों में आनंदपुर फायर ट्रेनिंग सेंटर के 23, अग्निशाम कर्मी और बीएमपी के 35 जवान भी शामिल हैं।
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