पटना: बदला क्राइम ट्रेंड, शौक पूरा करने को सुपारी किलर बन रहे युवा, पुलिस हैरान
- पटना में बढ़ रहे अपराध से वैसे ही पुलिसवालों की नींद उड़ी हुई है, मगर अब शौक पूरा करने के लिए जिस तरह से युवा सुपीर किलर बन रहे हैं, उसने पुलिसवालों की और भी चिंता बढ़ा दी है
पटना। अपूर्व वर्मा
पटना में बढ़ रहे अपराध से वैसे ही पुलिसवालों की नींद उड़ी हुई है, मगर अब शौक पूरा करने के लिए जिस तरह से युवा सुपीर किलर बन रहे हैं, उसने पुलिसवालों की और भी चिंता बढ़ा दी है। पटना में पिछले कुछ महीने नए कांट्रैक्ट किलरों ने पटना पुलिस की नींद उड़ा दी है। हैरानी की बात यह है कि ये कांट्रैक्ट किलर महज अपने शौक पूरा करने के लिए जरायम की दुनिया में कदम रखा।
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दरअसल, राजधानी में हाल ही में हुई कई बड़ी वारदातों में ऐसे सुपारी किलर संलिप्त पाए गए हैं, जिनका पहले से कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं था। पुलिस जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें कम उम्र के लड़के बिना सोचे-समझे बेधड़क होकर हत्या जैसी संगीन वारदात कर रहे हैं। बिलकुल प्रोफेशनल अंदाज में साजिशकर्ता से हत्या का सौदा करते हैं तथा रेट सेट होते ही वारदात को अंजाम दे डालते हैं।
जैसा काम वैसा दाम
ये नए नवेले कांट्रैक्ट किलर 'जैसा काम वैसा दाम' के आधार पर ये अपराधी साजिशकर्ता से डीलिंग करते हैं। नए कॉन्ट्रैक्ट किलर कम से कम एक लाख रुपये में सौदा तय करते हैं। मजबूरी होने पर 20 से 25 हजार में भी वे हत्या करने पर तैयार रहते हैं। यहां तक कि मास्टरमाइंड से एडवांस रकम भी ली जाती है। इस बात की तस्दीक इस बात से हो जाती है कि हाल ही में गोपालपुर में हुई महिला की हत्या की घटना में अपराधियों ने उसके पति से एडवांस के रूप में 50 हजार रुपये लिए थे।
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दिखावे के लिए करते हैं कुछ और काम
ये नए कांट्रैक्ट किलर दिखावे के लिए दूसरा काम करते हैं, ताकि किसी को उनके इस घिनौने काम पर शक न हो। वह किसी तरह पैसा कमाना चाहते हैं चाहे उसकी कीमत किसी की जिंदगी ही क्यों न हो। पुलिस की पूछताछ में कई सुपारी किलरों ने यह खुलासा किया है कि वे घर-परिवार और समाज को दिखाने के लिए किसी दुकान या निजी कंपनी में छोटे कर्मी के रूप में काम करते हैं।
सिटी पूर्वी के एसपी जितेंद्र कुमार के मुताबिक, नये कांट्रैक्ट किलरों से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि पूर्व में उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। कई युवकों ने रुपये की लालच में पहली बार घटना को अंजाम दे डाला। ऐसे किलरों की बाकायदा एक सूची तैयार की जा रही है, ताकि हमेशा उन पर नजर रखी जा सके।
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