बिहार में सरस्वती पूजा के लिए कोरोना गाइडलाइन जारी, DJ बैन, जानें डिटेल्स
- बिहार की राजधानी पटना में सरसवती पूजा को लेकर डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बैठक की और सरसवती पूजा पर्व को लेकर कोरोना गाइडलाइन भी जारी की है. साथ ही इस बार डीजे लगाने की भी अनुमति नहीं दी है.
पटना. राजधानी पटना में इस बार सरस्वती पूजा के दौरान डीजे को बजाने की अनुमति नहीं है. इतना ही सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए भी आयोजकों को अनुमति लेनी पड़ेगी. साथ ही इस बार प्रशासन गंगा नदी में मूर्ति विसर्जन करने की भी अनुमति नहीं दी है. आपको बता दे कि सरस्वती पूजा 16 फरवरी को है. वही इस पर्व को बिहार, यूपी और झारखंड में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. जिसके लिए आयोजक डीजे से लेकर बैंड बजे का भी इंतजाम करते है
सरसवती पूजा को लेकर पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को बैठक किया. जिसमे सरस्वती पूजा के लिए कोरोना गाइडलाइन जारी किया है. जिसके तहत इस बार पर्व के दौरान आयोजक डीजे नहीं लगा सकेंगे. गंगा में मूर्ति का विसर्जन नहीं कर सकेंगे. सभी पंडालों और आयोजन स्थलों पर मास्क पहनकर आना जरुरी होगा. साथ ही पंडालों में समय समय पर सेनेटाइजेशन भी किया जाए. भीड़ भाड़ ज्यादा नहीं हो इसका भी ध्यान आयोजको रखना होगा.
मंगल पांडेय ने RJD पर साधा निशाना, कहा- पार्टी में सिर्फ दो फाड़ होना बाकी
वहीं इस बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि मूर्ति विसर्जन के लिए कृतिम तालाब बनाए जाए. जहां जाने और आने के लिए रूट भी तैयार किया जाए. साथ ही पंडालों से निकलने वाले जुलुस के रूट को भी तय किया जाए. मूर्ति विसर्जन के दौरान किसी भी तरह का अश्लील गाने बजने से रोके जाए. साथ ही सभी थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में षांति समिति कि बैठक करे. जिससे सरस्वती पूजा शांति से आयोजित हो सके. वहीं इस बार प्रशासन ने स्कूल कॉलेज और कोचिंग में सरस्वती पूजा की आयोजन की अनुमति दे दी है. साथ ही यह भी कहा है कि कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए ही पर्व का आयोजन किया जाए.
बिहार के सभी ब्लड बैंक होंगे ऑनलाइन, राज्य स्वास्थ्य समिति ने लिया फैसला
अन्य खबरें
पटना से गायब माली के बेटे की हत्या, दारोगा परीक्षा में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन
पटना में चिड़ियाघर घूमने के साथ ले सकेंगे लजीज खाने का आनंद, खुलेगा रेस्टोरेंट
पटना एयरपोर्ट पर टर्मिनल भवन के प्रोजेक्ट के काम में देरी, जानें कब तक होगा पूरा
पटना मेट्रो डिपो निर्माण को जमीन की जरूरत, जून के बाद काम शुरू होने की संभावना