पटना HC का रेलवे को आदेश, पाटलिपुत्र स्टेशन बंद करें या फिर…
- हाईकोर्ट पाटलिपुत्र स्टेशन पर पहुंचने के लिए यात्रियों को कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है. अगर आपका घर हाईकोर्ट पाटलिपुत्र से आधा किलोमीटर की दूरी पर भी है तो भी आपको रास्ता न होने के कारण कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है. हाईकोर्ट ने मामले पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर सड़क मुहैया नहीं करा सकते हैं तो स्टेशन को बंद कर दे.
पटना. हाईकोर्ट पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर बनने के बाद लोगों को कई तरह से परेशानियों का सामना कर्ण पड़ रहा है. पूर्व मध्यरेल के पटना जंक्शन- सोनपुर जंक्शन रेलखंड पर यह स्टेशन बनने के बाद दानापुर और पटना जंक्शन पर दबाव तो कम हुआ है लेकिन हाईकोर्ट पाटलिपुत्र स्टेशन पर पहुंचने के लिए यात्रियों को कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है. अगर आपका घर हाईकोर्ट पाटलिपुत्र से आधा किलोमीटर की दूरी पर भी है तो भी आपको रास्ता न होने के कारण कई किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है. हाईकोर्ट ने मामले पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर सड़क मुहैया नहीं करा सकते हैं तो स्टेशन को बंद कर दे.
हाईकोर्ट पाटलिपुत्र स्टेशन उत्तर बिहार के लिए काफी महत्वपूर्ण है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने भरत प्रसाद सिंह की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे को नए सिरे से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि अगर रेलवे ने स्टेशन बनाया है तो इसे जोड़ने वाली सड़क की जिम्मेदारी भी रेलवे की है. सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे महाअधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट में कहा है कि सरकार अपने हिस्से की सड़क निर्माण में आने वाले खर्च को देने के लिए तैयार है.
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हाईकोर्ट ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि रेलवे प्रशासन अगर सड़क निर्माण में आने वाले खर्च को शेयर नहीं करता है तो कोर्ट स्टेशन को बंद करने के आदेश भी दे सकता है. आगे कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा अहि कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन रेलवे की जिम्मेदारी है इस लिए सौ फीसदी आने वाला खर्च भी रेलवे को उठाना चाहिए. मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को मुकर्रर की है.
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