इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्यों की बहाली पर रोक हटी, जानें पटना हाईकोर्ट का फैसला

Somya Sri, Last updated: Thu, 3rd Feb 2022, 7:24 AM IST
  • बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्राचार्यों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है. पटना हाईकोर्ट ने प्राचार्य बहाली पर लगाई गई रोक को निरस्त कर दिया. फिलहाल राज्य में सिर्फ दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियमित प्राचार्य कार्यरत हैं.
पटना हाईकोर्ट (तस्वीर-साभार सोशल मीडिया )

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्राचार्यों की बहाली का रास्ता साफ कर दिया है. फिलहाल राज्य में सिर्फ दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियमित प्राचार्य कार्यरत हैं. लेकिन, हाईकोर्ट के फैसले के बाद जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी. बता दें कि बीपीएससी की ओर से इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्राचार्य पद के लिए बहाली के विज्ञापन निकाला गया था. लेकिन, इसके खिलाफ हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी. जिसमें प्राचार्य बहाली के लिए शैक्षणिक योग्यता कानून के तहत सही नहीं है का हवाला दिया गया था.

जानकारी के मुताबिक प्रो. डॉ. श्लोक चक्रवर्ती ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर राज्य के सभी सरकारी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्राचार्य पद के लिए 5 और 6 अगस्त 2020 बीपीएससी की ओर से प्रकाशित विज्ञापन को चुनौती दी थी. उनका कहना था कि इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्राचार्य पद के लिए तय शैक्षणिक योग्यता कानून के तहत सही नहीं है. जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में सिर्फ दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियमित प्राचार्य कार्यरत हैं.

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वहीं इंजीनियरिंग कॉलेजों में 32 प्राचार्य और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 25 प्राचार्य की बहाली के लिए 5 और 6 अगस्त 2020 को बीपीएससी ने विज्ञापन प्रकाशित किया था. 11 नवम्बर 2020 को कोर्ट से चयन प्रक्रिया पर रोक लग जाने के कारण नियुक्ति नहीं हो सकी है. जानकारी के मुताबिक एआईसीटीई कानून के तहत प्राचार्य पद के लिए तय शैक्षणिक योग्यता को ही विज्ञापन में रखा गया है. एआईसीटीई के मापदंडों को पूरा नहीं किये जाने पर कॉलेजों की मान्यता पर सवाल उठ खड़ा होगा. कोर्ट ने दोनों पक्षों की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद अर्जी को खारिज कर दिया.

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