शादी करने से विदेशी महिला भारतीय नागरिक नहीं हो सकती: पटना हाईकोर्ट
- भारतीय मूल के नागरिक से शादी करने से विदेशी महिला भारतीय नागरिक नहीं बन सकती है. पटना हाईकोर्ट ने सीतामढ़ी की आवेदिका की अर्जी खारिज करते हुए नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा.

पटना. पटना हाईकोर्ट ने कहा कि विदेशी महिला भारतीय मूल के नागरिक से शादी करने के बाद भी भारतीय नागरिक नहीं बन सकती है. महिला के साप पैन कार्ड, वोटर कार्ड, बैंक अकाउंट और आधार कार्ड भी चाहे हो लेकिन देश की नागरिक बनने के लिए नागरिकता कानून के तहत आवेदन देना होगा. अधिकारियों आवेदन को मंजूर करेंगे तभी महिला भारतीय नागरिक बन सकती है.
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर स्थित माणिक चौक से मुखिया किरण गुप्ता की अरजी खारिज कर दी. वहीं कोर्ट ने आवेदिका को भारत की नागरिक बनने के लिए आवेदन करने की छूट दी है.
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि आवेदिका नेपाली नागरिक थी. 2003 में भारतीय नागरिक से उसकी शादी हुई जिसके बाद वह दो बच्चों की मां बनी. देश में उसने संपत्ति खरीदी और उच्च शिक्षा भी प्राप्त की. वह 2018 में सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर स्तिथ माणिक चौक से मुखिया का चुनाव जीतकर मुखिया भी बनी.
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मुखिया का चुनाव जीतने के बाद उसकी नागरिकता को चुनौती दी गई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिला से कहा कि अपनी मूल नागरिकता छोड़ने और भारतीय नागरिक से शादी करने पर वह भारत की नागरिक नहीं हो सकती है.
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कई साल भारत में रहने के बाद भी उसे नागरिक नहीं कहा जा सकता है. उसे नागरिकता के लिए आवेदन देना होगा और उसी के बाद वह भारतीय नागरिक कहला सकती है. कोर्ट ने चुनाव को अवैध घोषित कर दिया है और साथ ही कहा कि चुनाव सिर्फ भारतीय मूल के लोग ही लड़ सकते
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