भारत में पहली बार बनी नैनो यूरिया का बिहार के किसान कर रहे इस्तेमाल, बढ़ेगी आमदनी
- बिहार में अब यूरिया की किल्लत नहीं होगी. विश्वभर में पहली बार नैनो तकनीक से भारत में बनी यूरिया का इस्तेमाल बिहार के किसान करने लगे हैं. 8 जुलाई से ही राज्य के बाजारों में नैनो यूरिया बिकने लगी है. नैनो यूरिया का इस्तेमाल कैसे करना है इसे लेकर 6 रथ को बिहार रवाना किया गया है.
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पटना: विश्वभर में पहली बार नैनो तकनीक से भारत में बनी यूरिया का इस्तेमाल बिहार के किसान करने लगे हैं. जिससे अब जल्द ही राज्य में यूरिया की किल्लत दूर हो जाएगी. वहीं किसानों को तरल यूरिया के बारे में जानकारी देने के लिए 6 रथों को रवाना भी किया गया है. इफको के निदेशक प्रेमचंद मुंशी ने इसे रवाना किया. 8 जुलाई से राज्य के बाजारों में नैनो यूरिया बिकने लगी है. नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने से मिट्टी की सेहत दुरुस्त होगी. साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी. नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने से किसानों के साथ साथ सरकार के पैसे की भी बचत होगी.
इफको के निदेशक प्रेमचंद मुंशी ने बताया कि नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने से मिट्टी दुरुस्त होगी. वहीं सरकार को किसानों को यूरिया के लिए अनुदान में दी जाने वाली राशि भी नहीं देनी पड़ेगी. साथ ही यूरिया की आधी खपत होने से किसानों का पैसा भी बचेगा और आमदनी भी बढ़ेगी. वहीं जिन 6 रथों को बिहार रवाना किया गया है उनमें एलईडी लगे होंगे. जिसके तहत किसानों को नैनो यूरिया के इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी.
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किसानों को बताया जाएगा कि एक एकड़ खेती की जमीन पर 125 लीटर यूरिया और पानी का घोल बनाकर छिड़काव किया जाना चाहिए. वहीं एक लीटर पानी में 20 से 30 एमएल यूरिया मिलाकर घोल बनाना होगा. दलदली फसलों में एक बार और अनाजों में दो बार इसका छिड़काव जरूरी है. हालांकि बुआई के समय नैनो यूरिया का इस्तेमाल नहीं होगा.
मालूम हो कि साल 2021 में यूरिया की भारी बोरियों से किसानों को मुक्ति दिलाने के लिए लिक्विड इफको नैनो यूरिया का उत्पादन देश में शुरू हुआ था. सहकारी क्षेत्र की IFFCO ने तरल नैनो यूरिया की खोज की और अभी वही इसे बना और बेच रही है. अब इफको नैनो यूरिया की तकनीक बिना किसी रॉयल्टी के सरकारी उर्वरक कंपनी नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (NFL) और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (RCF) को दी जाएगी.भारत नैनो यूरिया का कमर्शियल उत्पादन शुरू करने वाला पहला देश बन गया है.
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