पटना में जरूरतमंद को मिलेगा 15 रूपये में पेटभर खाना, मेयर सीता साहू ने किया उद्घाटन

Anurag Gupta1, Last updated: Tue, 21st Sep 2021, 12:29 PM IST
  • पटना मेयर सीता साहू ने सस्ते भोजनालय की शुरूआत की 15 रूपए में अच्छा खाना मिलेगा. भामा शाह फाउडेंशन की ओर से सभी जगहों का किया गया चयन. उद्घाटन के अवसर पर मेयर, डिप्टी मेयर व निगम के अधिकारियों ने गांधी मैदान स्थित कारगिल चौक के पास 15 रूपये में मिलने वाले खाने का स्वाद लिया.
पटना में जरूरतमंद को मिलेगा 15 रूपए में भर पेट खाना

पटना. मेयर सीता साहू द्वारा शहर में सस्ते भोजनालय का उद्घाटन किया गया है. इस भोजनालय के माध्यम से 20 जगहों पर मात्र 15 रूपए में भर पेट खाना मिलेगा. मेयर द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है. उद्घाटन के दौरान मेयर ने कहा कि इससे दैनिक मजदूरों को, जरूरतमंदों को, बाहर से शहर में आने वाले लोगों को, सफाई कर्मचारी से लेकर रिक्शा चलाकों तक सबको कम दाम में अच्छा व पोषटिक आहार मिलेगा. जिससे उनके खर्चे में भी कमी आएगी.

साथ ही बताया कि इसकी शुरूआत 20 जगहों पर की जी रही है. इसका मुख्य उद्देश्य गरीब को अच्छा खाना मिले और उसके पैसें भी बचें. शुरूआत में पटना नगर निगम के मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स, राजेंद्र नगर टर्मिनल, बस स्टैंड के साथ शहर के कई प्रमुख हिस्सों को शामिल किया गया है. इन सभी जगहों का चयन भामाशाह फाउंडेशन की तरफ किया गया है. इन जगहों का चयन इसलिए किया गया है क्यूंकि यहां आने वाले दैनिक मजदूरों की और अजनबियों की संख्या ज्यादा है.

पटना के 35 हजार घरों को मिलेगी PNG, जानें किस इलाके में कब पाइपलाइन से मिलेगी गैस

उद्घाटन के अवसर पर मेयर, डिप्टी मेयर व निगम के अधिकारियों ने गांधी मैदान स्थित कारगिल चौक के पास 15 रूपये में मिलने वाले खाने का स्वाद लिया. साथ ही मेयर ने इसको शुरूआत करने की वजह बताई और भी अन्य बातें कहीं.

 

भोजनालय शुरू करने की वजह:

इसकी मुख्य वजह शहर के गरीब मजदूरों, सफाईकर्मीयों, रिक्शे वालों को अच्छे दाम में पोषटिक आहार मिल जाए और वो चार पैसे बचा भी सकें. सबसे पहले इसकी शुरूआत भामा शाह फांउडेशन की ओर से 15 रूपये में भोजन की थाली गाय घाट स्थित नवनिर्मित रैन बसेरा से हुई थी. जिस थाली में चावल, दाल, सब्जी, भुजिया व अचार मिलता है. इस थाल में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है. दैनिक मजदूरों के अलावा भी लोग यहां आकर पेट भर खाना खाते हैं.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें