पटना मेडिकल कॉलेज के रेडियोथेरेपी विभाग में लटका ताला, डॉक्टर गायब

Smart News Team, Last updated: Thu, 17th Dec 2020, 11:16 PM IST
  • पटना मेडिकल कॉलेज के रेडियोथेरेपी विभाग से जुड़ा एक शर्मनाक मामला सामने आया है. दरअसल विभाग का निरीक्षण करने पहुंची टीम को विभाग पर ताला लटका मिला. साथ ही डॉक्टर और अन्य कर्मी भी गायब रहे.
पटना मेडिकल कॉलेज के रेडियोथेरेपी विभाग से जुड़ा बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डाक्टरों का ड्यूटी से गायब रहना कोई नई बात नहीं हैं. लेकिन जब विभाग में ही ताला लटका हुआ पाया जाए तो यह जरूर शर्मनाक है. गरीबों के अस्पताल में ताला लटक जाए तो कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी और अधीक्षक डॉ. विमल कारक दोनों ने गुरुवार को औचक निरीक्षण किया तो यही सच्चाई सामने आयी. अभी तक डॉक्टर ही गायब होते थे. निरीक्षण के दैरान विभाग ही गायब पाया गया. रेडियोथेरेपी विभाग में ताला लटका था. एचओडी समेत सभी डॉक्टर और कर्मी गायब थे.

ऐसे में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने रेडियोथेरेपी विभाग के एचओडी समेत सभी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है. वहीं सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कार्रवाई तय है और वेतन भी कटेगा. अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने बताया कि रेडियोथेरेपी विभाग में जो डॉक्टर गायब थे, उनमें विभागाध्यक्ष डॉ. पीएन पंडित, डॉ. संगीता नारायण, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. रवि और डॉ. दीपक कुमार शामिल हैं.

बता दें कि रेडियोथेरेपी विभाग में गरीब मरीजों की सेंकाई की सुविधा कई महीने से बंद पड़ी है. इसे दोबारा शुरू कराने को लेकर विभागाध्यक्ष की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है. इसके कारण गरीब मरीजों को निजी अस्पताल की ओर जाना पड़ता है. वहीं, प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि जब अधीक्षक के साथ औचक निरीक्षण किया तो रेडियोथेरेपी विभाग में ताला लटका था. वहीं, मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ. एमपी सिंह अपने चैंबर में थे लेकिन कई डॉक्टर गायब थे. जो ड्यूटी से गायब थे, उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया हैं. रेडियोथेरेपी विभाग के एचओडी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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सोमवार से शुरू होगी सेंकाई

पीएमसीएच के रेडियोथेरेपी विभाग में बंद पड़ी कोबाल्ट मशीन को सोमवार से शुरू करने की तैयारी है. सेंकाई के लिए कोबाल्ट मशीन को चलाने वाली एजेंसी का बकाया दे दिया गया है. करीब 17 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. कैंसर विभाग में इस मशीन से कैंसर के मरीजों की सेंकाई मुफ्त में की जाती है. काफी दिनों से बंद पड़ी थी. जिससे गरीब मरीजों को काफी परेशानी होती थी. अगले एक-दो दिनों में बाहर से टेक्निशियन आकर मशीन को चालू करेंगे.

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