बाढ़ से तबाही, 30 लाख मछली उत्पादक और 4000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

Smart News Team, Last updated: Mon, 27th Jul 2020, 11:47 AM IST
  • बिहार में भारी बारिश से आई बाढ़ से करोड़ों का नुकसान हो गया है. बारिश के कारण हुए जलभराव से सारे तालाब, पोखर भर गए और उनमें से सभी मछलियों के बाहर आने से 30 लाख मछली उत्पादकों का भी नुकसान हुआ है. 
बाढ़ से तबाही, 30 लाख मछली उत्पादक और 4000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान

बिहार में लगातार तेज बारिश के कारण बाढ़ आ गई है. बारिश लगभग एक महीने से हो रही है. बाढ़ के कारण लोगों के घरों में तो पानी भर आया है साथ ही कई और समस्याएं भी हो रही हैं. सभी के काम भी बंद हैं और खाने के लिए अनाज की भी कमी हो रही है. बाढ़ से मखाना और सिंघाड़ा उत्पादन के कारोबार को नुकसान पहुंचा है. वहीं मछली पालन उद्योग को भी नुकसान पहुंचा है. 

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बाढ़ के कारण दरभंगा, मधुबनी, गोपालगंज, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में पाली जा रहीं मछलियां बह गई हैं जिससे उद्दोग को 4000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इस साल हुई बारिश और उसके कारण आई बाढ़ से लगभग तीस लाख मछली पालक परिवारों का काम तबाह हो गया है. लगभग दो लाख टन मछलियों का नुकसान हुआ है. राज्य सरकार प्रभावित जिलों में अपने स्तर पर सर्वे करेगी और प्रभावित परिवारों को मदद देगी. 

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दरअसल भारी बारिश के कारण तालाब और पोखर भर गए जिनसे डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों में मछलियां बह गई हैं. बताया जा रहा है कि बाढ़ से मछली पालन वाले करीब 20 हजार तालाब और पोखरों को नुकसान पहुंचा. इनमें दरभंगा जिले के 2347 पोखर, समस्तीपुर के 1192 पोखर, मुजफ्फरपुर के 1552 पोखर, सीवान के 1111 पोखर, वैशाली के 898 पोखर हैं जिन्हें नुकसान पहुंचा. 

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बाढ़ से प्रभावित 22 जिलों में लगभग तीन लाख टन मछलियों को नुकसान हुआ. इससे पांच हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. मछलियों के प्रजनन सीजन होने से मछलियों के अंडे भी बह गए. तालाब में गाद भी भर गए हैं.

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