Online Exam सेंटर में नौकरी के लिए सॉल्वर गैंग की थी सेटिंग, ऐसे हुआ भांडाफोड़
- पटना पुलिस ने ऑनलाइन एग्जाम से जुड़े हुए एक बड़े सॉल्वर गिरोह का भांडाफोड़ किया है. इस गैंग ने बिहार के कई शहरों को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाते हुए वहां सेंटर्स खोल रखा था और लोगों से बैंक और रेलवे में नौकरी दिलवाता था और मोटी रकम वसूलता था. पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
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पटना. पटना पुलिस ने ऑनलाइन एग्जाम से जुड़े हुए एक बड़े सॉल्वर गिरोह का भांडाफोड़ किया है. इस गैंग ने बिहार के कई शहरों को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाते हुए वहां सेंटर्स खोल रखा था और लोगों से बैंक और रेलवे में नौकरी दिलवाता था और मोटी रकम वसूलता था. पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. . पुलिस ने इस गैंग के पास से मोटी रकम भी बरामद किया है.
ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाने वाले इस गिरोह के तार मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले से भी जुड़े हैं. यह गिरोह ऑनलाइन एग्जाम सेंटर के बिल्कुल समानांतर अपना खुद का सेंटर चलाता था. पटना पुलिस ने दावा किया है कि यह गिरोह ऑनलाइन परीक्षा सेंटर पर सेटिंग कर फर्जी तरीके से सरकारी और निजी नौकरी लगाने के धंधे में लगा हुआ था.
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दरअसल पटना पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर दानापुर में एक गिरोह काम कर रहा है. इसी सूचना के बाद पटना एसएसपी ने दानापुर एएसपी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया. इस पुलिस टीम ने दानापुर के आरके पुरम कॉलोनी स्थित एक नवनिर्मित किराए के मकान में छापेमारी की. इस दौरान कमरे से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. मौके से 70 अभ्यर्थियों के ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स भी बरामद किये गये.
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इसके बाद पुलिस ने पूछताछ की तब नालंदा का अश्वनी सौरव सोनी जो अभी राजधानी के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के बुद्धा डेंटल स्थित गांधी नगर में रहता है, वही गिरोह का सरगना निकला. पटना पुलिस कप्तान ने बताया कि 70 लाख रुपय इन्वेस्ट कर मुजफ्फरपुर के रामदयालु चौक के पास खुद का ऑनलाइन सेंटर खोल रखा है. इस गैंग ने गया और पटना में भी तीन ऑनलाइन सेंटर में पैसे लगाए थे. मिली जानकारी के अनुसार अश्वनी सौरव के मुजफ्फरपुर स्थित ऑनलाइन परीक्षा केंद्र से 270 अभ्यर्थी परीक्षा देते थे.
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सेंटर के लिए सौरव ने सिटी हेड को पैसा देकर मैनेज भी कर लिया था जो सेंटर को सर्टिफाइड और वेरीफाइड कर देता था. इस गिरोह का सदस्य विनोद गुप्ता मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाला में भी जेल जा चुका है. इस गिरोह ने कोलकाता के कौशिक प्रिंटिंग प्रेस जो प्रश्न पत्रों की छपाई करता था उसे भी मैनेज कर लिया था. उत्तर प्रदेश के वाराणसी केंद्र में आयोजित शिक्षक चयन परीक्षा से प्रश्न पत्र लीक मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी जेल भेजे जा चुके हैं लेकिन यह गिरोह इस परीक्षा में भी शामिल था.
पुलिस ने गिरोह के पास से 19 लाख रुपए नगद के अलावा 19 हार्ड डिस्क, 774 सीपीयू मदरबोर्ड, 5 वाईफाई राउटर, 21 मॉनिटर, 3 रन एक आईपैड, एक पैन ड्राइव, 12 मोबाइल, 10 रबर मोहर एक् हिडेन कैमरा, 10 कनेक्टर, 6 ब्लूटूथ डिवाइस, 6 ईयर पीस, एक टूलकिट, एक्सटेंशन बोर्ड और एक यूएसबी हब भी जब्त किया है.
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