पटना: इस बार दुर्गा पूजा पर नहीं बिकेंगे मुकुट व साजो सज्जा के सामान
- पटना स्थित मच्छरहट्टा थोक मंडी के मौरी गली में होती है मूर्ति के श्रृंगार सामान की बिक्री. इस बार प्रतिबंधित रहेगी साज-सज्जा के सामान की बिक्री दुर्गा पूजा त्यौहार में प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलने से श्रृंगार की सामग्री की बिक्री करने वाले व्यवसायियों में निराशा है.
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पटना: कोरोना के चलते सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार इस वर्ष दुर्गा पूजा में प्रतिमा स्थापित नहीं किए जाने के आसार जताए जा रहे हैं. इसको लेकर व्यापारियों में खासी निराशा दिख रही है. वहीं मूर्तिकार भी प्रतिमा स्थापित नहीं होने से निराश हैं. इन दिनों मूर्तिकार व साज-सज्जा के सामान की बिक्री करने वाले व्यापारियों में उत्साह रहता था. इनका व्यापार चमक जाता था, लेकिन कोरोना की मार से यह भी नहीं बच पाए हैं. इस वर्ष पटना की मौरी गली थोक बाजार में सजावट सामग्री की बिक्री करने वाले व्यापारी निराश है. थोक बाजार में सजावट की सामग्री की बिक्री किए जाने को लेकर मनाही है जिसके चलते व्यापारी खासा निराश दिख रहे हैं.
आपको बता दें कि दुर्गा पूजा के लिए देवी प्रतिमाओं का मुकुट व साज-सज्जा तथा प्रतिमाओं को सजाने के लिए सभी सामग्रियां थोक मंडी मच्छरहट्टा स्थित मौरी गली में बिकती हैं, लेकिन इसके खरीदार नहीं मिल रहे हैं. कारोबारियों ने स्थानीय कारीगरों से मुकुट व साज-सज्जा तैयार करा लिया है. इन्हें उम्मीद है कि अंतिम समय में कुछ सामग्री की बिक्री जरूर होगी.
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कारोबारी राज व प्रीत ने बताया कि कोरोना ने त्योहारों में होने वाले व्यवसाय को चौपट कर दिया है. मौरी गली में सन्नाटा पसरा है. वैवाहिक मौमस में भी मौरी, पटमौरी व विवाह से जुड़ी अन्य सामग्रियों की बिक्री नहीं हो सकी. अब दुर्गा पूजा में उम्मीद थी, तो प्रतिमा बैठाने की अनुमति नहीं होने से सभी निराश हैं.
मौरी गली में इन सामग्रियों की होती है बिक्री
देवी प्रतिमाओं को सजाने के लिए बाजार में रोल-गोल की नथिया, टीका, फूल, मोती का माला, भूरा बाल, रिबन, राक्षस के लिए कपड़ा सेट, शेर के लिए तौलिया की बिक्री होती है.
साथ ही चांद, माला, आशीर्वादी माला, कलश, साड़ी, लक्ष्मी प्रतिमा के हाथ में गुलाब, कमल के सेट समेत दर्जनों आइटम देवी प्रतिमाओं को सजाने के लिए बाजार में उपलब्ध है. इसके अलावा नथिया- टीका मुंबई से खास देवी प्रतिमाओं के लिए मंगाया जाता है.
देवी प्रतिमाओं को जीवंत करने के लिए अस्त्र व शस्त्र की आवक कोलकाता व दिल्ली से प्लास्टिक के फूलों की आवक होती है. बिक्री की अनुमति नहीं होने की स्थिति में नये आइटम की आवक बाजार में नहीं के बराबर हुई है.स्थानीय कारीगरों की ओर से देवी का मुकुट बनाया गया है.
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