पटना की बेऊर जेल में कैदी के सुसाइड से मचा हड़कंप, दो कर्मचारी निलंबित

Smart News Team, Last updated: Sat, 8th May 2021, 10:05 PM IST
  • पटना आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर में शनिवार सुबह दहेज हत्या के आरोपी कैदी मंतोष कुमार ने फांसी लगाकर जान दे दी है. घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है. निगरानी के दौरान लापरवाही के आरोप में दो कक्षपालों को निलंबित कर दिया गया है.
पटना बेउर जेल में कैदी ने आत्महत्या कर ली है

आदर्श केंद्रीय कारागार बेऊर में शनिवार की सुबह दहेज हत्या के आरोपित बंदी 25 वर्षीय मंतोष कुमार ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. जेल अस्पताल से दवा लेने के बाद वह हॉस्पिटल वार्ड के टायलेट में जाकर पानी की पाइप में फंदा फंसाकर लटक गया. उसके गले में गमछे का फंदा पड़ा था. आनन-फानन में उसे पीएमसीएच भेजा गया, जहां दो घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया. मृतक बंदी मूलरूप से पटना जिले के बुद्ध छपरा रानीतालाब निवासी शंभू यादव का पुत्र था. पत्नी की हत्या के आरोप में वह जून 2020 से बेऊर जेल में बंद था. जेल प्रशासन की ओर से इस मामले में बंदी की निगरानी में बरती गई लापरवाही के आरोप में दो कक्षपालों नारदमुनि शुक्ला और संजीव कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए दोनों को बिहारशरीफ जेल से संबद्ध कर दिया गया है.

जेल प्रशासन का दावा, अवसाद में था बंदी

जेल अधीक्षक ई. जितेंद्र कुमार ने बताया कि बंदी मंतोष कुमार जेल के यमुना खंड में बंद था. पत्नी की हत्या मामले में वह ससुराल वालों से समझौता करना चाहता था, लेकिन बात नहीं बनने पर वह अवसादग्रस्त हो गया, लेकिन इसकी जानकारी आला अधिकारियों तक नहीं थी. फुलवारी जेल में उसका मामा भी एक मामले में बंद है. बेऊर जेल के यमुना खंड कक्ष संख्या 4-4 से वह जेल के अस्पताल में दवा लेने गया. उसकी निगरानी में कक्षपाल संजीव कुमार थे. अस्पताल से दवा लेने के बाद सुबह करीब 10.30 बजे बंदी हॉस्पिटल वार्ड के टायलेट में गया और अंदर से दरवाजा बंद करने का प्रयास किया लेकिन हड़बड़ाहट में दरवाजा ठीक से बंद नहीं हुआ. इसी बीच वह गमछे का फंदा अपने गले में डालकर पानी की पाइप से लटक गया. उसे निकलने में देर होने पर कर्मियों को शक हुआ. टायलेट में झांकने पर वह फंदे पर लटकता मिला. सूचना मिलने पर उसे फंदे से उतारा गया और इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जेल अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में मृतक बंदी के परिजनों को सूचना दे दी गई है.

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जेल आने के दौरान ही करना चाहता था खुदकुशी

जेल प्रशासन को दिये गये बयान में मृतक बंदी के मामा संजय कुमार ने बताया है कि पत्नी की हत्या के जुर्म में जब मंतोष को फुलवारीशरीफ जेल भेजा गया था तो वह अपने चप्पल के नीचे जहर की पुड़िया दबाकर लाया था, लेकिन जेल गेट पर चेकिंग के दौरान उसका चप्पल ही चोरी हो गई, जिसके कारण वह जहर नहीं खा सका. फुलवारीशरीफ से बेऊर जेल आने के बाद वह मेरे साथ यमुना खंड के कक्ष संख्या 4-4 में ही रह रहा था. इस दौरान उसने पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि जीने की इच्छा नहीं है. कुछ माह बाद मैं वार्ड 4-4 से स्थानांतरित होकर कक्ष 2-2 में आ गया. शनिवार की सुबह अस्पताल जाते समय मंतोष से थोड़ी देर के लिए मुलाकात हुई थी.

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