पटना में फीस पर स्कूलों की मनमानी नहीं, HC बोला- पैसा ही नहीं तो किसे आदेश दें
- पटना हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों के फीस वसूली के लिए पटना डीएम की ओर से जारी निर्देश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने स्कूल को डीएम व आपदा प्रबंधन से गुहार लगाने की छूट दे दी।

पटना, शम्भू शरण सिंह
कोरोना लॉकडाउन में स्कूलों की फीस वसूली के मसले पर पटना हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। तीन महीने तक स्कूलों और बसों की फीस संबंधी डीएम और आपदा विभाग के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान मामले में हस्तक्षेप करने से इनाकर करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूलों को फीस पर मनमानी करने का हक नहीं। हाईकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूलों के फीस वसूली के लिए पटना डीएम की ओर से जारी निर्देश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने स्कूल को डीएम व आपदा प्रबंधन से गुहार लगाने की छूट दे दी।
मामले की सुनवाई के दौरान पटना कोर्ट ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में किसी को मनमानी करने की छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस समय किसको पैसा देने का आदेश दिया जाए, जब हर किसी का काम धंधा लगभग ठप है। वकील की प्रैक्टिस बंद है, ऐसे में आप ही बताइए कि किसे फीस देने के लिए कहा जाए।मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने संत पॉल इंटरनेशनल स्कूल की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की।
जानें क्या है मामला
संत पॉल इंटरनेशनल स्कूल की ओर से दायर याचिका में कोर्ट को बताया गया कि 25 मार्च को आपदा प्रबंधन और 10 अप्रैल को डीएम ने एक आदेश जारी कर एक साथ तीन माह का स्कूल फीस नहीं लेने और बस फीस व अन्य शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया है। उनका कहना था कि स्कूल प्रबंधन को शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा चाहिए। लेकिन स्कूल के पास इतना पैसा नही है कि वह दे सके।
स्कूल ने क्या दलीलें दीं
स्कूल की ओर से दी गई हर दलील को कोर्ट ने नामंजूर कर अर्जी को खारिज करने की बात कही। लेकिन कोर्ट के रुख को देखते हुए स्कूल के वकील गौतम केजरीवाल ने अपना पक्ष डीएम व आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव तथा डीईओ के समक्ष रखने की बात कही। कोर्ट ने उनके अनुरोध को मंजूर करते हुए स्कूल को डीएम प्रधान सचिव तथा डीईओ के समक्ष बात रखने की छूट देते हुए अर्जी को निष्पादित कर दिया।
सरकार ने क्या दलीलें दीं
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अशुतोष रंजन पांडेय ने कोर्ट को बताया कि आपदा प्रबंधन और डीएम ने कोरोना संक्रमण से बचाव के दौरान लॉकडाउन को देखते हुए यह निर्देश जारी किया है। उनका कहना था कि स्कूल नामी और काफी पुराना है। स्कूल को देख ऐसा नहीं लगता है कि इसकी माली हालत खराब है और स्कूल को फीस वसूलने की छूट दी जाए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कई स्कूल मनमानी कर रहे हैं। डीएम के आदेश के बावजूद फीस के साथ बस चार्ज और अन्य शुल्क वसूलने के लिए अभिभावकों पर दबाव दे रहे हैं।
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