बिहार: JDU में RLSP के विलय की चर्चा तेज, 13 मार्च को कुशवाहा कर सकते हैं ऐलान

Smart News Team, Last updated: Tue, 9th Mar 2021, 12:29 AM IST
  • बिहार सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा के विलय की चर्चा तेज हो गई हैं. इस मामले को लेकर आरएलएसपी की 13 और 14 मार्च को बैठक होंगी जिसके बाद किसी बड़े फैसले का ऐलान किया जा सकता है.
कोरोना टीका लगवाने अस्पताल पहुंचे जेडीयू से राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा

पटना. नीतीश कुमार की जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा के विलय की चर्चाओं के बाद बिहार की सियासी गलियारों में हलचल मची है. विलय होने की चर्चाओं को उस समय और हवा मिल गई जब राजधानी पटना में जदयू के वरिष्ठ नेता सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह और आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा एक साथ कोरोना का टीका लगवाने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अस्पताल पहुंचे. सूत्रों से तो यह भी खबर है कि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने दोनों नेताओं से फोन पर बात भी की थी. वहीं खबर है कि रालोसपा ने इस मामले को लेकर 13-14 मार्च को मीटिंग बुलाई है जिसमें जेडीयू में पार्टी के विलय को लेकर अंतिम फैसला लिया जा सकता है.

हालांकि, पार्टी के बिहार में सत्ताधारी और भाजपा सहयोगी जदयू में विलय को लेकर अभी उपेंद्र कुशवाहा मीडिया के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं. सोमवार को भी उन्होंने इस संबंध में कोई बात नहीं की. लेकिन वशिष्ठ नारायण सिंह को दादा संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि हम दोनों का काफी पुराना संबंध है.

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कुशवाहा ने कहा कि वे अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही उनके साथ हैं और भविष्य में भी रहेंगे. वहीं सीएम नीतीश को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ उनके निजी संबंध हैं और वे पहले भी उनके साथ काम कर चुके हैं. वहीं वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस मामले में कहा कि जल्द ही कुशवाहा पार्टी में आएंगे. वे हमेशा हमारे करीबी थे और आगे भी रहेंगे.

दरअसल जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ही उपेंद्र कुशवाहा से पार्टी के विलय को लेकर बातचीत कर रहे हैं. पिछले तीन महीनों में कुशवाहा और सीएम नीतीश कुमार के बीच भी कई बार मीटिंग हो चुकी हैं.

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हाल ही में भी एक बैठक हुई थी जिसमें सीएम नीतीश और कुशवाहा साथ मौजूद थे. सूत्रों से तो खबर ये भी है कि विलय के बाद कुशवाहा की नई जिम्मेदारी पर भी फैसला लिया जा चुका है. रालोसपा का जदयू में विलय होने के बाद कुशवाहा को एमएलसी बनाकर विधानपरिषद भी भेजा जा सकता है.

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी कुशवाहा वोटर्स पर खासा प्रभाव रखती है जो जेडीयू का भी वोट बैंक है. पहले उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू के टिकट से विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक जा चुके हैं. 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिसंबर साल 2018 में उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था और जेडीयू से रालोसपा की राहें अलग हो गईं थी.

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