रोहतास मॉडल के जरिए बिहार के 11 जिलों में होगा चारा ब्लॉक योजना का विस्तार

Haimendra Singh, Last updated: Fri, 10th Dec 2021, 10:09 AM IST
  • बिहार के 11 जिलों में चारा प्रबंधन के लिए रोहतास मॉडल के जरिए चारा ब्लॉक योजना का विस्तार किया जा रहा है. इस योजना की देखरेख के लिए कृषि विभाग के उप निदेशक अनिल झा, बीएयू के स्तर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने और कम्फेड के स्तर पर जीएम राजीव वर्मा को लगाया गया है.
रोहतास मॉडल के जरिए बिहार के 11 जिलों में होगा चारा ब्लॉक योजना का विस्तार.

पटना. बिहार के 11 जिलों में धान की पराली के लिए चारा ब्लॉक बनाने की तैयारी हो रही है. रोहतास मॉडल से राज्य में 260 टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा. चारा खरीदने के लिए पटना के अलावा तिरहुत, मिथला और भागलपुर दुग्ध समितियों ने भी सहमति दी है. वहीं विकास आयुक्त आमीर सुबहानी के स्तर पर हुई बैठक के बाद कम्फेड और बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के अधिकारियों ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है. पूरी योजना की देखरेख के लिए कृषि विभाग के स्तर पर उप निदेशक अनिल झा, बीएयू के स्तर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने और कम्फेड के स्तर पर जीएम राजीव वर्मा को लगाया गया है. बता दें कि बिहार में हर साल करीब 30 मिलियन टन पराली होती है.

राज्य में पराली प्रबंधन के रोहतास मॉडल का विस्तार करने की योजना पिछले साल बनी थी. कृषि सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने इस मॉडल के विस्तार की जिम्मेदारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय को दी थी लेकिन तब इसके पायलट प्रोजक्ट के रूप में कुछ जिलों में चलाया गया. अब नई व्यवस्था में बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने इस मॉडल के जनक रोहतास के अलावा पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा, जहानाबाद और बांका जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्रों का लक्ष्य तय कर दिया है. इस योजना में 30 टन चारा ब्लॉक बना तो कंफेड में इसे हाथो-हाथ खरीद लिया. सरकार का कहना है कि पराली प्रबंधन की इस योजना से राज्य में रोजगार का अवसर बढ़ाना शुरू हो गया है साथ में इस योजना से किसानों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी होगी.

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पराली जलाने से होता है नुकसान

बिहार में 4 मिलियन टन पराली जला दी जाती है इससे न सिर्फ प्रदूषण होता है बल्कि किसानों को भारी नुकसान भी होता है. एक टन पराली जलाने से 03 किलो हवा में मिलने वाले हानीकारक तत्व निकलते हैं. 60 किलो कार्बन मोनक्साइड निकलता है। 1460 किलो कार्बन डायऑक्साइड निकलता है. इसके अलावा 02 किलो सल्फर डायऑक्साइड निकलता है.

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