Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन का युद्ध टालने को लेकर बौद्ध लामाओं की प्रार्थना

Komal Sultaniya, Last updated: Sun, 6th Mar 2022, 4:23 PM IST
  • रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के कारण विश्व में हाहाकार मचा हुआ है. बिहार के बोध गया में रविवार को यूक्रेन युद्ध की विभीषिका से विश्व को बचाने के लिए बौद्ध लामाओं ने पूजा-अर्चना की. तिब्बती बौद्ध लामाओं ने विश्वशान्ति के लिए मंदिर में विशेष अनुष्ठान और सूत्त पाठ किया.
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन का युद्ध टालने को बिहार के बौद्ध लामाओं ने की प्रार्थना

पटना.  रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध के कारण विश्व में हाहाकार मचा हुआ है. बिहार के बोध गया में रविवार को यूक्रेन युद्ध की विभीषिका से विश्व युद्ध को बचाने के लिए बौद्ध लामाओं ने पूजा अर्चना की. बौद्ध लामाओं ने तिब्बती मंदिर में विशेष अनुष्ठान किया. मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया गया. तिब्बत बौद्ध मठ में धर्म गुरु दलाई लामा के आसन के समक्ष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया. तिब्बती बौद्ध लामाओं ने सभी की खुशहाली और समृद्धि व विश्वशान्ति के लिए सूत्त पाठ किया.

तिब्बती मंदिर के लामा आमजे ने कहा कि वर्तमान समय मे रूस और यूक्रेन युद्ध पूरी दुनियां के लिए चिंता का विषय बनी है. यह युद्ध एटम बम के इस्तेमाल तक गया तो समस्त मानव जीवन खतरे में पड़ जायेगा. ऐ ही पूरी दुनियां कोरोना से जूझ रही है. पूरी दुनिया में अशांति का माहौल बनता जा रहा है. जो समस्त जीवों के लिए खतरा है. युद्धग्रस्त दोनों देशों के अलावे पूरी दुनिया में शांति कायम हो इसकी प्रार्थना की गई. उन्होंने कहा भगवान बुद्ध के संदेशों से दुनिया में अमन, शांति आएगी. इसी को लेकर बुद्ध की विशेष पूजा करने के बाद बोधि पेड़ के नीचे पूजा की गई. इसके बाद पृथ्वी के सभी जीवों के कल्याण एवं मंगलकामना के लिए भगवान बुद्ध से आशीष मांगा.

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बताते चलें कि, लोसर के जश्न में डूबे रहे तिब्बती श्रद्धालु लोसर पर्व के साथ ही तिब्बती कैलेंडर के अनुसार, नए साल का शुभारंभ हुआ. कैलेंडर के मुताबिक, 2148 वां वर्ष है. शनिवार को विशेष पूजा के साथ पर्व संपन्न हुआ. तिब्बत की सांस्कृतिक विरासत अनोखी है. उनका परंपरा धर्म के प्रति अगाध आस्था आए रीति रिवाज विशिष्ट हैं. तिब्बती समुदाय के लोग अपना नया साल लोसर पर्व धूमधाम से मनाते हैं.

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