बिहार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH के डॉक्टरों में क्यों मची है कोरोना से खलबली?

Smart News Team, Last updated: Tue, 23rd Jun 2020, 1:47 PM IST
  • सुरक्षा किट और मास्क आदि की पर्याप्त सुविधा होने और मरीजों को देखते समय सावधानी बरतने के बाद भी पीएमसीएच के आठ डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गए। इनमें एनेस्थिसिया का एक डॉक्टर सबसे पहले संक्रमित हुआ था।
PMCH के सात डॉक्टर कोरोना से संक्रमित

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में खुद को सुरक्षित रखने का एक मात्र तरीका है बचाव। सुरक्षा किट और मास्क आदि का प्रयोग करने के बाद भी अगर किसी को कोरोना हो जा रहा है तो फिर इसे क्या कहेंगे…। दरअसल, सुरक्षा किट और मास्क आदि की पर्याप्त सुविधा होने और मरीजों को देखते समय सावधानी बरतने के बाद भी पीएमसीएच के आठ डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गए। इनमें एनेस्थिसिया का एक डॉक्टर सबसे पहले संक्रमित हुआ था।

उसके बाद उसके साथ ड्यूटी किए 10 डॉक्टरों की जांच हुई, जिनमें से सात संक्रमित मिले। इनमें से छह गायनी वार्ड के जूनियर डॉक्टर हैं। पीएमसीएच के कई वरीय चिकित्सकों का कहना है कि इन डॉक्टरों से इलाज के दौरान या आपसी संपर्क में कहीं ना कहीं कुछ चूक जरूर हुई है। इनकी असावधानी का खामियाजा इनके परिवार को भी भुगतना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि पीएमसीएच में मरीजों के सीधे संपर्क में आने वाले डॉक्टरों को पीपीई किट से लेकर मास्क, सेनेटाइजर और ग्लव्स आदि दिए गए हैं। इसके अलावा हर वार्ड में आने वाले मरीजों को पहले फ्लू कॉर्नर में जांच की जाती है। हर वार्ड में आइसोलेशन बेड तक बनाया जा चुका है। बावजूद इसके डॉक्टरों का संक्रमित होना ना सिर्फ उनके लिए बल्कि मरीजों के लिए भी चिंता की बात है।

गायनी वार्ड, मेडिसीन वार्ड समेत कई वार्डों में जूनियर डॉक्टर ही नए मरीजों की जांच करते हैं। मरीज यदि गंभीर होता है तभी सीनियर डॉक्टर देखते हैं। गायनी वार्ड के संक्रमित डॉक्टर लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे थे और मरीजों की भी जांच कर रहे थे। ऐसे में अब उन मरीजों पर भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है जो इन डॉक्टरों से अपना इलाज करा चुके हैं। ऐसे मरीजों की खोज भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।

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