साफ करने वालों ने गंदा किया शहर
सेवा समाप्ति की सूचना पर आक्रोशित दैनिक सफाई कर्मचारी शहर के कुछ वार्डों में लामबन्द हो गए और वहां से उठकर सबसे पहले निगम के अंचल कार्यालयों पर पहुंचे। यहां उन्होंने अलग-अलग तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया। कंकड़बाग अंचल, बांकीपुर अंचल, नूतन राजधानी अंचल से लेकर दूसरे अंचलों में ताला बंद किया गया। कुछ अंचलों में कर्मचारियों ने आर-पार का शंखनाद किया तो कहीं-कहीं उनकी निगम के सफाई अधिकारी और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ झड़प की भी स्थिति बन गई।
दैनिक सफाई मजदूरों ने अंचल कार्यालयों पर टायर जलाकर और आसपास कूड़ा-कचरा फैलाकर अपना विरोध जताया। इसकी वजह से निगम के अंचल कार्यालयों में कामकाज काफी प्रभावित हुआ और सफाई का काम पूरी तरह ठप हो गया। इधर, मुख्यालय में भी कर्मचारियों के आंदोलन को देखते हुए अलग-अलग शाखाओं में ताला बंद हो गया। निगम आयुक्त से लेकर दूसरे अधिकारी अपने चेंबर में नहीं बैठ पाए।
संध का पहले से था ऐलान
दरभंगा लोकायुक्त के आदेश के आने से पहले ही पटना नगर निगम कर्मचारी संघ के कुछ नेताओं ने तीन फरवरी से आंदोलन का ऐलान कर रखा था। ऐसे में माना जा रहा है कि एक तरफ जहां कर्मचारी नेता अपने आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहे थे, उसी बीच लोकायुक्त के आदेश ने आग में घी का काम कर दिया और कर्मचारियों के आक्रोश को बढ़ावा मिल गया।
बेबस नजर आए अफसर
दैनिक सफाई कर्मचारियों के आंदोलन की सूचना पर अफसर बेबस नजर आए। सोमवार दोपहर में सरकार के उप सचिव कुमार देवेंद्र के द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि पूर्व में विशेष सचिव ने जो आदेश दिया था, फिलहाल उसे स्थगित किया जाता है।
आनन-फानन में बोर्ड बैठक
दैनिक सफाई कर्मचारियों के आंदोलन के बाद नगर निगम में आनन-फानन में बोर्ड की बैठक बुलायी गई। महापौर के द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि पांच फरवरी को दोपहर दो बजे से बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सभी वार्डों के पार्षद मौजूद होंगे।
कर्मियों ने किया प्रदर्शन
पटना सिटी। अपनी मांगों को लेकर पटना नगर निगम, सिटी और अजीमाबाद अंचल के सफाई कर्मियों ने अंचल कार्यालय में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कचरा गाड़ियों को अंचल कार्यालय से बाहर नहीं निकलने दिया। जिससे कई इलाकों में गंदगी का अंबार लगा रहा।
बैंक और दुकानों के बंद हुए शटर
मौर्यालोक परिसर में दैनिक सफाई मजदूरों के आंदोलन और उनकी उग्रता को देखते हुए मौर्यालोक परिसर में बने कई दुकानों का शटर बंद करना पड़ गया। मौर्या टॉवर में संचालित बैंक और निजी एजेंसियों के दरवाजे भी बंद हो गए। निगम के राजस्व, जन्म-मृत्यु शाखा, स्थापना और साफ-सफाई के कार्यालयों के बंद होने की वजह से राजधानी में जनता की बुनियादी समस्याओं का निवारण तक नहीं हो पाया। वहीं दुकानों के बंद रहने की वजह से कारोबारियों को लाखों का नुकसान हुआ।
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