हनुमान जी को भी बैंकों की ना

Malay, Last updated: Fri, 17th May 2019, 12:24 AM IST
पटना का सबसे विख्यात महावीर मंदिर एक ऐसी समस्या से परेशान है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इस मंदिर के पास 56 लाख रुपए के सिक्के हैं, जिन्हें शहर का कोई भी बैंक लेने को तैयार नहीं है। अंत में...
दानपात्र से निकले ये सिक्के महावीर मंदिर के प्रबंधन के लिए हर सप्ताह चुनौती पेश करते हैं।

पटना का सबसे विख्यात महावीर मंदिर एक ऐसी समस्या से परेशान है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इस मंदिर के पास 56 लाख रुपए के सिक्के हैं, जिन्हें शहर का कोई भी बैंक लेने को तैयार नहीं है। अंत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पास भी पत्र लिखा गया, लेकिन वहां भी कोई सुनने वाला नहीं है। अब पुजारी और न्यासी को भी समझ नहीं आ रहा कि इन सिक्कों का क्या करें।      

तीन बैंकों में खाता फिर भी जमा नहीं हो रहे सिक्के
बैंक ग्राहकों की सेवा के लिए एक पैर पर खड़े होते हैं, लेकिन जब बात महावीर जी की आती है तो हाथ जोड़ लेते हैं। हर साल करोड़ों के लेन देन के बाद मंदिर के साथ बैंक का यह हाल है। महावीर मंदिर का पटना के तीन बैंकों-इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा, भारतीय स्टेट बैंक की मौर्यालोक शाखा और बुद्ध मार्ग स्थित सेंट्रल बैंक में खाता है। संस्थान के पुजारी हर माह इन सिक्कों को जमा कराने के लिए दौड़ लगाते हैं लेकिन तीनों बैंक साफ इनकार कर देते हैं। 

आरबीआई के दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं
-भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक बैंक उपभोक्ता से किसी भी राशि का सिक्का लेने से मना नहीं कर सकते। 
-बैंकों को मेला लगाकर सिक्के जमा करने का है दिशानिर्देश, साथ ही नोटिस बोर्ड पर लिखना है कि यहां सिक्के लिए जाते हैं।
-बैंकों की मनमानी रोकने के लिए आरबीआई ने शिकायत दर्ज कराने की खातिर जारी किया था टॉल फ्री नंबर। 
-सिक्का लेने से मना करने पर दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश है। 

भक्तों का चढ़ावा, मंदिर प्रबंधन का सिरदर्द
- 30 लाख रुपए से अधिक का हर माह मंदिर में आता है भक्तों का चढ़ावा
- 07 दिनों में खुलती है मंदिर की दानपेटी, 8 लाख से अधिक होता है चढ़ावा 
- 60 प्रतिशत नोट और 40 प्रतिशत सिक्के हर बार निकलते हैं दानपेटी से
- 56 लाख 11,846 रुपए के सिक्के नोटबंदी के बाद से हो चुके हैं जमा
- 02 रुपए और 1 रुपए के सबसे अधिक सिक्के हैं जमा जिन्हें लोग नहीं लेते 
- 10 और पांच रुपए के सिक्के तो खप जाते हैं, छोटे सिक्के कोई नहीं लेता है
- 10 बार से अधिक हो चुकी है संस्थान से सिक्कों को लेने की बैंक से पहल
- 02 बार मंदिर प्रबंधन सिक्के लेने के लिए आरबीआई से कर चुका लिखापढ़ी

सिक्कों को लेकर हम बहुत परेशान हैं। बैंक की शाखा से लेकर आरबीआई तक दौड़ लगाई लेकिन सिक्कों को जमा नहीं किया गया। हर माह महावीर मंदिर पर सिक्कों का बोझ बढता जा रहा है और हम परेशान हो रहे हैं। इस संबंध में कहीं से कोई मदद नहीं मिली है। 
- नागेंद्र ओझा, व्यवस्थापक, महावीर मंदिर, पटना जंक्शन

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