कोरोना से लड़ाई: पटना में लॉक डाउन के पहले दिन गंभीर नहीं दिखे लोग

Malay, Last updated: Tue, 24th Mar 2020, 9:38 AM IST
कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक लॉकडाउन का फैसला किया है। पहले दिन सोमवार को पटना के कई इलाकों में लॉकडाउन बेअसर दिखा।  सुबह लॉकडाउन के बाद भी लोग सड़क पर निकले।...
पटना में लॉक डाउन के पहले दिन गंभीर नहीं दिखे लोग, आम दिनों की तरह ही बाजार और चौक-चौराहों पर लगा रहा जमावड़ा

कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक लॉकडाउन का फैसला किया है। पहले दिन सोमवार को पटना के कई इलाकों में लॉकडाउन बेअसर दिखा।  सुबह लॉकडाउन के बाद भी लोग सड़क पर निकले। दुकानें खुली और ऑटो व अन्य सार्वजनिक वाहन चलने लगे। अगमकुआं, कदमकुआं नाला रोड और पटेल नगर में मछली, मांस और पान की दुकानें खुली दिखी। वहीं शहर के प्रमुख डाकबंगला, र्बोंरग रोड, गांधी मैदान, बेली रोड आदि इलाकों में लोग यहां-वहां घूमते और गप करते दिखे। मीठापुर बस स्टैंड पर लोग बस की छत पर सवार होकर सफर करते दिखे। 

लॉकडाउन बेअसर होता देख पुलिस हरकत में आई। दोपहर एक बजे के बाद पुलिस ऑफिसर सड़क पर उतरे और लोगों से घर लौटने की अपील की। शहर में पुलिस ने जगह-जगह पर बैरियर लगाकर लोगों को रोका। शहर के मुख्य सड़कों डाकबंगला, मीठापुर, आर ब्लॉक, इनकम टैक्स, कारगिल चौक पर बैरिर्केंडग की गई। वहीं कई लोगों पर कार्रवाई कर फइन भी वसूला गया।   

बस की छत पर बैठकर सफर करने दिखे यात्री
31 मार्च तक लॉकडाउन के फैसले के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने गांव जा रहे हैं। सोमवार को पटना के मीठापुर बस स्टैंड पर लोगों की भीड़ दिखी। बस के अंदर खड़े होने तक की जगह न मिली तो लोग छत पर बैठ गए। लोग जान जोखिम में डालकर सफर करते दिखे, ताकि अपने गांव लौट सकें। सुबह स्टैंड से कुछ बसें खुली थी। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान व अन्य राज्यों से आए लोग अपने गांव लौटने के लिए बस स्टैंड पहुंचे थे। बस स्टैंड में फंसे सैकड़ों यात्रियों ने हंगामा किया। इसके बाद पुलिस पहुंची। ऑफिसरों ने उन्हें समझाया कि सबकी स्क्र्रींनग की जाएगी उसके बाद घर तक छोड़ने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी।

इन इलाकों में नहीं दिखा असर
- गोला रोड से जीपीओ के बीच सामान्य तौर पर ऑटो का परिचालन हुआ। दोपहर 12 बजे तक जबतक प्रशासन और पुलिस को इसकी खबर लगती। सैकड़ों की संख्या में वाहन सड़कों पर निकल गए। गोला रोड पर एक साथ चार ऑटो खड़ा दिखा। जबकि रुकनपुरा में यात्री से भरे ऑटो ने र्बोंरग रोड जाने के लिए 50 रुपए की मांग की। ई-रिक्शा चालक पैसेंजरों को लगातार परेशान करता रहा। 

- राजवंशी नगर मोड़ पर पुलिस ने जब बैरिर्केंडग लगाकर लोगों को रोका तो सभी ने अस्पताल जाने की बात कह गई। पुलिसकर्मी ने बताया कि पहले दिन लोगों से अपील की जा रही है। अपने सुरक्षा के लिए घरों में ही रहने को कहा जा रहा है। आगे सख्ती और बढ़ेगी। 

- डाकबंगला चौराहे पर हर गाड़ी को पुलिस द्वारा रोका गया। बिना काम के निकले लोगों को पुलिस ने वापस मोड़ दिया। हालांकि, लोग इसके बाद भी मानने को तैयार नहीं है। मुख्य सड़कों को छोड़कर शॉर्टकट का इस्तेमाल किया जा रहा हैर्। ंलक रोड की मदद अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। 

सामान्य रहा परिचालन  
लॉकडाइन की घोषणा के बाद भी सोमवार को शहर में सामान्य परिचालन हुआ। सुबह सात बजे से ही लोग अपने घरों से बाहर निकले। दूध और सब्जी की खरीद से शुरू हुआ काम सड़कों तक पहुंच गया। कोई ऐसा इलाका नहीं बचा, जहां निजी और कॉमर्शियल वाहन नहीं चले। टेपों चालकों को हर दिन के मुकाबले अधिक यात्री मिले। टेंपो के साथ ई-रिक्शा चालक भी घरों से बाहर निकले। एक ट्रीप में ही अपने दिनभर की कमाई कर ली गई। जिन स्थानों पर एक यात्री का किराया 20 रुपए था। वहां 80 से 100 रुपए तक की वसूली की गई है। हालांकि, किसी भी हाल में अपने घर के लिए निकले लोग इससे तनिक भी नहीं कतरा रहे हैं। शहर में काम करने वाले वो लोग जिन्हें गाड़ी चलानी नहीं आती। स्वास्थ्य, पुलिस और सफाई के लिए निकलने लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। 

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