विरोध के बीच पुलिस पहरे मे शुरू हुआ बिहटा-सरमेरा फोरलेन का काम
पटना के रिंग को जोड़ने वाले बिहटा-सरमेरा फोरलेन का काम तेजी से चल रहा है। 41 किमी की सड़क लगभग बनकर तैयार है, लेकिन बीच में पांच किमी ऐसी है, जिस पर निर्माण करने की हिम्मत सात साल से कोई नहीं जुटा पा रहा था।
आठ गांव वाले इस फोरलेन का विरोध कर रहे थे। मंगलवार को निर्माण पुलिसवालों के पहरे में शुरू हुआ। जो भी विरोध करने आया, पुलिस देख लौट गया। आपको बता दें कि इस फोरलेन के बनने के बाद बड़ी गाड़ियों को पटना नहीं आना पड़ेगा। अधिकारियों का दावा है कि अब यह सड़क तीन महीने में तैयार हो जाएगी।
सोनवा में आधा किलोमीटर जमीन पर कब्जे के बाद मंगलवार को पुलिस और प्रशासन ने दरियापुर में 400 मीटर खेत को कब्जे में ले लिया। बिहटा-सरमेरा सड़क के निर्माण में बाधा बने आठ गांव के लोगों को समझाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। पांच किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले ये गांव अपनी खेतों से सड़क पार नहीं होने दे रहे थे। यहां के रैयतों को मुआवजे की राशि दी जा चुकी है। कुछ ही लोग ऐसे बचे हैं, जिन्हें अबतक मुआवजे की राशि नहीं मिल पायी है। अफसर यह भी बताते हैं कि उन्होंने मुआवजा लिया ही नहीं है। ऐसे में बिना राशि दिए उनकी जमीन पर कैसे कब्जा किया जाए, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के अधिग्रहण के आदेश के बाद रास्ता साफ हो गया है।
तेजी से हुआ निर्माण
मंगलवार की सुबह अचानक पहुंची तीन पोकलेन, 10 जेसीबी ने सुबह से शाम तक एक किलोमीटर तक के खेत को सड़क के स्लोप में परिवर्तित कर दिया। महज कुछ महीनों में गोनवा, चचौर, पाली, जमलपुरा, दरियापुर, कोरमा, चेसी और ममरेजपुर से यह सड़क पार कर जाएगी।
तीन दिन के अंदर पैसे देने का निर्देश: इस अधिग्रहण में जिस भी व्यक्ति को मुआवजा राशि नहीं दी गई है। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के हिसाब से निर्धारित दर पर मुआवजा दिया जाएगा। तीन दिन के अंदर यानी 30 अगस्त तक मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है।
गांव वालों की बगावत
आठ गांव वाले पिछले सात साल से इस सड़क की पांच किमी जमीन को अधिग्रहित करने नहीं दे रहे थे। न तो वे मुआवजा ले रहे थे और न निर्माण होने दे रहे थे। आयुक्त के आदेश के बाद निर्माण शुरू हुआ। मंगलवार को यहां सड़क निर्माण में पोकलेन, जेसीबी के साथ 100 से अधिक मजदूर, कटर मशीन लगा दिए गए हैं। जिन छह-सात गांवो में काम अभी शुरू नहीं हो पाया है, वहां एक हफ्ते में काम शुरू कर दिया जाएगा। इस फोरलेन का निर्माण दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है।
पटना नहीं आना होगा
पटना के बाहर बन रही रिंग रोड का दक्षिणी हिस्सा यह फोरलेन ही होगा। वर्तमान में एम्स से फुलवारी होते हुए बेऊर सिपारा के रास्ते जीरोमाइल तक की सड़क बाइपास है। ऐसे में बिहटा-सरमेरा को राजधानी का अलग बाइपास बनाया जाएगा। इससे बिहटा एनएच 30 से और विक्रम से आने वाले एनएच 139 के कॉमर्शियल वाहन सीधा इसी बाइपास को पकड़कर मोकामा फोरलेन पर पहुंच जाएंगे। फोरलेन बनने के बाद भोजपुर, बक्सर, रोहतास, कैमूर, नालंदा, नवादा, जमुई जैसे जिलों से झारखंड व उत्तरप्रदेश आने-जाने वाले भारी वाहनों को पटना शहर में प्रवेश नहीं करना होगा।
बिहार राज्य पथ विकास निगम के एमडी संजय अग्रवाल ने बताया कि इस सड़क पर रुके हुए निर्माण कार्य को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जमीन अधिग्रहण का काम भी पूरा हो चुका है। निर्माण एजेंसी विवादित जमीन को छोड़कर ज्यादातर सड़क के हिस्से को तैयार कर चुकी है। अगले चार महीने में इस पर गाड़ियां दौड़ने लगेंगी।
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