हेमंत को मिला सिंहासन, रघुवर सरकार की हार

Malay, Last updated: Tue, 24th Dec 2019, 12:09 PM IST
झारखंड में सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। देर रात जारी परिणामों के अनुसार झामुमो नीत गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत हासिल कर ली...
JMM’s Hemant Soren, who leads the opposition effort in Jharkhand, is the presumptive chief minister of the grand alliance.

झारखंड में सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। देर रात जारी परिणामों के अनुसार झामुमो नीत गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी, जोकि 81 सीटों वाली विधानसभा में जरूरी बहुमत के आंकड़े से 6 सीट अधिक है। समाचार लिखे जाने तक एक सीट का परिणाम आना बाकी था। दूसरी ओर भाजपा सिर्फ 25 सीटें ही जीत सकी जिससे उसका सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर हो गया। चुनाव में भाजपा का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं जमशेदपुर पूर्व से 15,804 वोटों से अपने पुराने साथी सरयू राय से हार गए। झारखंड विधानसभा के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में मतदान हुआ था। प्रारंभिक परिणामों और रुझानों से ही स्पष्ट हो गया था कि झामुमो-कांग्रेस-राजद का महागठबंधन ही आगे रहेगा। हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय है। गठबंधन में कांग्रेस को 16 और राजद को 1 सीट मिली है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी
इस प्रकार अब तक के आंकड़ों में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य के इतिहास में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी तीस सीटें जीतकर न सिर्फ राज्य में मजबूत सरकार गठन की ओर बढ़ी बल्कि वह विधानसभा में भी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। अन्य दलों में भाजपा की सहयोगी रही ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) को जहां सिर्फ दो सीटें मिलीं वहीं बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा को तीन सीटों पर जीत मिली। अन्य छोटे दलों में भाकपा (माले लिबरेशन) एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस एक तथा निर्दलीय ने एक सीट पर जीत हासिल की। 

आजसू से टकराव अखरा
पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं वहीं वह इस बार सिर्फ 25  सीट पर सिमट गई। आजसू ने पिछली बार आठ पर लड़कर पांच सीटें जीती थीं। इस बार वह 53 सीटें लड़कर महज दो सीटें जीती हैं। 12 सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से उनके उम्मीदवार की जीत निश्चित थी। इन पर विपक्ष ने जीत दर्ज की और ये सीटें इनमें से किसी को नहीं मिली। 

यह जनादेश नया अध्याय: हेमंत
हेमंत सोरेन ने आज की जीत और गठबंधन के सरकार बनाने की संभावना के बारे में पूरा परिणाम आने के पूर्व ही संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है। हेमंत ने कहा, आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है। उन्होंने कहा कि आज राज्य में जो परिणाम आये हैं, वह हम सभी के लिए उत्साह का दिन है। जनता का जनादेश स्पष्ट है। उन्होंने कहा, आज राज्य में आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हम यह पूरा प्रयास करेंगे कि लोगों की उम्मीदें टूटें नहीं। महागठबंधन पूरे राज्य के सभी वर्गों, संप्रदायों और क्षेत्रों की आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा। 

पिता हारे थे, अब बेटा बनेगा मुख्यमंत्री
इस वर्ष मई में आये लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा की किसी राज्य विधानसभा चुनाव में यह पहली स्पष्ट हार है। लोकसभा चुनावों में झारखंड में भी भाजपा ने 14 में से 11 सीटें और उसकी सहयोगी आजसू ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस और झामुमो के हाथ सिर्फ एक-एक सीट लगी थी। यहां तक कि हेमंत सोरेन के पिता झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन भी दुमका लोकसभा सीट से चुनाव हार गये थे। इससे पूर्व भाजपा महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव जीतकर भी अपनी सरकार नहीं बना सकी और हरियाणा में उसने किसी तरह दुष्यन्त चौटाला के साथ मिलकर अपनी सरकार बनायी। 

रघुवर का इस्तीफा, बोले-यह मेरी हार 
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अंतत: अपनी हार स्वीकार कर ली और सोमवार शाम साढ़े सात बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। मुख्यमंत्री ने राजभवन से निकलते हुए मीडिया से कहा, ''मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया है और उन्होंने मुझे नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहने को कहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वह जनता के आदेश को सहर्ष स्वीकार करते हैं लेकिन इस हार को उन्होंने पार्टी की नहीं बल्कि अपनी व्यक्तिगत हार बताया। 

पाखंड की राजनीति का अवसान तय: लालू
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और रांची के अस्पताल में भर्ती लालू ने ट्वीट किया, प्रिय हेमंत! अनंत शुभकामनाएं। असीम आशीष.. मनोकामना पूर्ण हुई। झारखंड की महान जनता ने सुनिश्चित कर दिया है कि अहंकार एवं पाखंड की राजनीति का हर जगह अवसान तय है।

जनादेश का सम्मान करते हैं : अमित शाह
गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव के जनादेश का सम्मान करते हुए पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गठबंधन से मिली पराजय स्वीकार करती है। शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘हम झारखंड की जनता के जनादेश का सम्मान करते हैं।’ 

इस परिणाम से साफ हो गया है कि लोग गैर-भाजपा दलों के साथ हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बाद लोगों ने झारखंड में भी बीजेपी को सत्ता को दूर रखने का फैसला किया है।
शरद पवार, राकांपा प्रमुख

झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम एनआरसी और सीएए के खिलाफ एक फैसले के रूप में दिखाई देते हैं। भाजपा ने अंतिम दो चरणों में जोरदार ढंग से प्रचार किया था और सीएए-एनआरसी के मुद्दे उठाए थे। 
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री दिल्ली

भाजपा अजेय नहीं है और सभी राजनीतिक दलों को उसके खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए। महाराष्ट्र में झटका लगा, हरियाणा में झटका लगा और झारखंड में पराजय मिली। 2019 में यह भाजपा की कहानी है। हम झारखंड की जनता का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने इतना बड़ा बहुमत दिया है। अगर सभी दल साथ मिल जाएं तो निश्चित तौर पर भाजपा पराजित हो सकती है। 
-पी चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री

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