मजदूर-भिखारी से लेकर अन्य प्रदेश के लोग रह रहे कॉलेज ऑफ कॉमर्स में, खाने की भी है व्यवस्था

जिला प्रशासन की ओर से कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आट्स एंड साइंस में गरीबों और निराश्रितों के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था लोगों के
लिए नया जीवन लेकर आया है। दिन भर मजदूरी करनेवाले और रात में सड़क किनारे सोने वाले लोगों को इस केंद्र के रूप में भगवान मिल गया है। लॉक डाउन की
वजह से सारे काम-धंधे बंद हो गए हैं। ऐसे में इन लोगों पर खाने का संकट आ गया, लेकिन भला हो आपदा प्रबंधन विभाग का जिसने इस बात का नोटिस लिया
और जिला प्रशासन को गरीब लोगों के आवास व भोजन का प्रबंधन करने को कहा।
कॉलेज ऑफ कॉमर्स में शनिवार से ही लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की
गई है। यहां अभी करीब 80 लोग रह रहे हैं, जिसमें मजदूर और भीख मांगने वाले शामिल हैं। यहां रह रहे सुबोध ने बताया कि वो पटना में रहकर मजदूरी करता है।
वह भागलपुर का रहने वाला है। सड़क किनारे ही सोता है। लॉक डाउन के बाद जीवन पर संकट आ गया था। खाने को कुछ नहीं मिल रहा था। वह कॉलेज ऑफ
कॉमर्स के आगे ही सोता है, लेकिन यहां यह केंद्र खुल जाने से राहत मिली अब खाना मिल जा रहा है। इसी तरह कई और लोग हैं जो मजदूरी करने के लिए पटना
में रह रहा थे। लेकिन लॉक डाउन के बाद काम चले जाने से भूखमरी सी स्थिति हो गई।
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