हर तरफ गांधी @150: महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य

Malay, Last updated: Wed, 2nd Oct 2019, 12:09 PM IST
2 अक्तूबर का दिन न सिर्फ भारत बल्कि विश्व इतिहास में एक खास महत्व रखता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 को हुआ था। उनके कार्यों और विचारों ने देश को आजादी दिलाने में बड़ी भूमिका...
महात्मा गांधी

2 अक्तूबर का दिन न सिर्फ भारत बल्कि विश्व इतिहास में एक खास महत्व रखता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 को हुआ था। उनके कार्यों और विचारों ने देश को आजादी दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। यही वजह है कि भारत में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह 2 अक्तूबर को भी राष्ट्रीय पर्व का दर्जा हासिल है। बापू के सत्य और अहिंसा के विचारों ने पूरी मानवता को विश्व शांति का पाठ पढ़ाया है। संयुक्त राष्ट्र ने 15 जून 2007 को महात्मा गांधी के जन्म दिन 2 अक्तूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया था। इस बार महात्मा गांधी की 150वीं जयंती बुधवार को भारत सहित दुनिया के 120 देशों में मनाई जा रही है। गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार को ही देश के अलग-अलग हिस्सों में कहीं प्रतिमाओं की साफ-सफाई हुई, तो कहीं विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 

महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य 
- स्कूल में गांधी जी अंग्रेजी में अच्छे विद्यार्थी थे, जबकि गणित में औसत व भूगोल में कमजोर छात्र थे। उनकी हैंडराइटिंग बहुत सुंदर थी।
- महान आविष्कारक अल्बर्ट आइंस्टीन बापू से खासे प्रभावित थे। आइंस्टीन ने कहा था कि लोगों को यकीन नहीं होगा कि कभी ऐसा इंसान भी इस धरती पर आया था। 
- वह कभी अमेरिका नहीं गए और न ही कभी प्लेन में बैठे।
- उन्हें अपनी फोटो खिचंवाना बिल्कुल पसंद नहीं था।
- जब वकालत करने लगे तो वह अपना पहला केस हार गए थे।
- अंग्रेज सरकार ने गांधी जी की मौत के 21 साल बाद उनके नाम से स्टांप जारी किया था।
- वह अपने नकली दांत अपनी धोती में बांध कर रखा करते थे। केवल खाना खाते वक्त ही इनको लगाया करते थे।
- अपनी मौत से एक दिन पहले उन्होंने कांग्रेस को खत्म करने पर विचार किया था।
- उनकी शवयात्रा में करीब दस लाख लोग साथ चल रहे थे और 15 लाख से ज्यादा लोग रास्ते में खड़े हुए थे। 
- उन्हें 5 बार नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।  1948 में पुरस्कार मिलने से पहले ही उनकी हत्या हो गई। 
- श्रवण कुमार की कहानी और हरिश्चन्द्र के नाटक को देखकर महात्मा गांधी काफी प्रभावित हुए थे।
- राम के नाम से उन्हें इतना प्रेम था की अपने मरने के आखिरी क्षण में भी उनका आखिरी शब्द राम ही था।
- साल 1930 में उन्हें अमेरिका की टाइम मैगजीन ने Man Of the Yea से उपाधि से नवाजा था।
- भारत में कुल 53 बड़ी सड़कें महात्मा गांधी के नाम पर हैं। सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी कुल 48 सड़कों के नाम महात्मा गांधी के नाम पर हैं।
- 1934 में भागलपुर में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने अपने ऑटोग्राफ के लिए पांच-पांच रुपये की राशि ली थी। 

चंपारण में पहचान को तरस रहा गांधी सर्किट
देश की जिस धरती को मोहन दास करमचन्द गांधी ने अपनी पहली कर्मभूमि बनाकर आंदोलन की शुरुआत की और जिसने उन्हें महात्मा बनाया, गांधी आज वहीं उपेक्षित हैं। आम जनता से लेकर सरकारों तक ने उनकी विरासत को भुला दिया। दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद पहली बार महात्मा गांधी ने चंपारण में 1917 में किसानों के हक की आवाज बुलंद करने और उनपर ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ आंदोलन किया था। आज जब पूरा विश्व उनकी 150 वीं जयंती मना रहा है, बेतिया का वह धर्मशाला अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है, जहां कभी गांधी ठहरा करते थे। बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने इस हजारीमल धर्मशाला को कभी ‘गांधी सर्किट’ का नाम देकर संरक्षित धरोहर की सूची में शामिल किया था। लेकिन शहर के तेज विकास, वहां बने ऊंचे-ऊंचे मॉल और शॉपिंग कॉम्पलेक्सों ने गांधी से जुड़ी इस विरासत के आभा मंडल को धूमिल कर दिया है।

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