हजारों यात्रियों को साथ लेकर चलने वाले रेल ड्राइवरों की सेहत खतरे में !

एक से डेढ़ हजार यात्रियों को लेकर लगातार आठ से 10 घंटे तक ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट और गार्ड सुरक्षित नहीं हैं। रेलवे बोगियों में तो दवा का छिड़काव करा रहा है। र्कोंचग डिपो में जाकर इसका निरीक्षण भी किया जा रहा है। एसी को संक्रमण से बचाने की पूरी व्यवस्था की जा रही है, मगर एक साथ इतने यात्रियों को लेकर चलने वाले इंजन तक दवा का छिड़काव एक बार भी नहीं किया जा रहा है।
लोको पायलट से लेकर गार्ड के रिटार्यंरग रूम की हालत भी यही है। इन्हें भी कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है। रेलवे जंक्शन पर भले ही यात्रियों की संख्या कम करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, मगर हर जगह भीड़ से ही होकर रेलवे के ड्राइवर दिनभर भ्रमण कर रहे हैं। कई बार तो वे अपने इंजन से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। लोगों के संपर्क से उन्हें भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।
ड्राइवरों ने बतायी हकीकत
रेलवे के ड्राइवरों की शिकायत पर हिन्दुस्तान स्मार्ट ने पटना जंक्शन पर खड़ी ट्रेनों का जायजा लिया। इस दौरान बोगियों में कहीं भी दवा के छिड़काव की जानकारी नहीं मिली। नाम नहीं छापने की शर्त पर लोको पायलट ने बताया कि ट्रेन की बोगियां अधिक सुरक्षित हैं। इंजन में एक बार भी सेनिटाइजेशन नहीं किया गया है। आज तक रेलवे की ओर से एक मास्क तक की व्यवस्था नहीं की गई है। रेल ड्राइवर कहते हैं कि मार्केट जाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए खुद नहीं खरीद पा रहे हैं। रिटार्यंरग रूम में हाथ धोने के लिए साबुन रखकर अधिकारी इसे पूर्ण संक्रमण सुरक्षा मान ले रहे हैं। मगर हमारे स्वास्थ्य र्की चिंता किसी को भी नहीं है।
प्लेटफॉर्म नंबर नौ पर खड़ी ट्रेन 18621 पटना-हटिया में यात्री कम दिखे। ट्रेन खाली जा रही है। आधी सीटें ही फुल हैं। कोरोना वायरस के यात्री मास्क लगाकर यात्रा कर रहे हैं। चिरैयाटाड़ की ओर से रेल इंजन आकर इसमें लगा। हमने लोको पायलट और मौके पर मौजूद गार्ड से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अबतक सेनिटाइजर तक नहीं मिल पाया है।
प्लेटफॉर्म नंबर सात पर खड़ी ट्रेन 63213 पटना-आरा पैसेंजर में बहुत कम यात्री सवार थे। यहां लोक पायलट ने बताया कि हमारे रिटार्यंरग रूम में भी सेनिटाइजर नहीं दिया गया है। बिना मास्क के ही पूरे दिन लोगों के बीच रह रहे हैं। प्लेटफॉर्म से रिटार्यंरग रूम तक जाने में ही संक्रमण का डर सता रहा है। सुविधा नहीं दी जा रही है।
प्लेटफॉर्म नंबर 10 से रवाना हो रही 63253 पटना-गया पैसेंजर में भी इंजन में व्यवस्था नहीं दिखी। ड्राइवर और गार्ड दोनों ने सफाई को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि इंजन की ठीक से सफाई भी नहीं हो पाती। एक के बाद दूसरा ड्राइवर बस इसमें सवार होकर अपनी ड्यूटी पूरा कर लेता है।
हमारे पास जो भी संसाधन हैं, उनका 100 फीसदी इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे सभी सुरक्षा उपकरण खरीदने में सक्षम है। संख्या अधिक है, इसलिए बल्क में खरीदारी हो रही है। दो से तीन दिनों के अंदर सभी को पूर्ण सुरक्षा दे दी जाएगी।
-नीलेश कुमार, डायरेक्टर, पटना जंक्शन
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