आयुर्वेदिक विधि से रखें किडनी को दुरुस्त

Malay, Last updated: Mon, 11th Nov 2019, 11:18 PM IST
किडनियां शरीर का अहम अंग हैं। ये हमारे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने और अम्ल के स्तर को नियंत्रित रखने का काम बखूबी करती हैं। कई बार इनकी कार्यप्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है। आयुर्वेदिक तरीके...
प्रतीकात्मक तस्वीर

किडनियां शरीर का अहम अंग हैं। ये हमारे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने और अम्ल के स्तर को नियंत्रित रखने का काम बखूबी करती हैं। कई बार इनकी कार्यप्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है। आयुर्वेदिक तरीके अपनाकर भी आप किडनियों को दुरुस्त रख सकते हैं।

यूरिन में एलब्यूमिन तथा ऐथ्रोप्रोटीन नामक प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे क्रियेटीनीन जैसे विषैले पदार्थ बाहर न निकलकर शरीर में ही स्टोर होने शुरू हो जाते हैं। यूरिक एसिड बढ़ जाता है, जो किडनी और शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है। पांव, टखनों, हाथ और चेहरे पर सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति को किडनी खराब होना या किडनी फेलियर की स्थिति से जोड़कर देखा जाता है। इससे किडनी के सेल्स कहीं-कहीं से डैमेज भी हो जाते हैं और उनमें क्रिस्टलाइजेशन से गैप आ जाता है। यूरिन में बढ़े यूरिक एसिड, कैल्शियम और फॉस्फेट के कण धीरे-धीरे किडनी में बनी खाली जगह पर जमा होने लगते हैं और स्टोन का रूप ले लेते हैं।

क्या हैं आयुर्वेदिक उपाय
किडनी की समस्याओं के उपचार के लिए आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां सुझाई गई हैं, जिन्हें पंसारी या आयुर्वेद की दुकान से प्राप्त किया जा सकता है।
- 150 ग्राम गोखरू, 100 ग्राम पुनर्नवा, 100 ग्राम वरुण छाल, 50 ग्राम नीम की छाल, 20 ग्राम सौंठ, 50 ग्राम ऐरण्डी जड़, 20 ग्राम सूर्यक्षार, 20 ग्राम जौ क्षार लेकर अलग-अलग पीस लें। इन्हें छान कर मिक्स कर लें। दो चम्मच तैयार मिश्रण को दो गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पानी आधा रह जाने तक पकाएं। इस काढ़े को सुबह-शाम खाली पेट पिएं।
- पुनर्नवा के पत्तों का 50 मिली रस या 10 मिली काढ़ा सुबह-शाम पिएं।
- 40 ग्राम हरा धनिया, 20 ग्राम सूखे काले अंगूर और 10 ग्राम सौंफ में एक गिलास पानी मिलाकर मिक्सी में पीस कर जूस बना लें। यह जूस रोजाना सुबह खाली पेट पिएं।
- मुट्ठी भर हरा धनिया एक गिलास पानी में धीमी आंच पर पकाएं। पानी छान कर रोेज सुबह खाली पेट पिएं।
- पुनर्नवा जड़ को पीस कर चूर्ण बना लें। सुबह खाली पेट एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से आराम मिलता है। इसका साग बनाकर भी खा सकते हैं।
- रात को एक चम्मच जौ भिगो दें। सुबह छान कर पानी पिएं।
- गेंहू के ज्वारे और गिलोय की डंडी का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
- किडनी में स्टोन की समस्या को दूर करने के लिए 30 ग्राम सूर्यखार, 30 ग्राम जवांखार, 50 ग्राम गोक्षुरा, 50 ग्राम पुनर्नवा, 30 ग्राम शुत्थ शिलाजीत, 30 ग्राम एरंडी जड़ और 50 ग्राम वरुणछाल लेकर मिक्सी में अलग-अलग पीस लें। अच्छी तरह मिलाकर बोतल में भर लें। रोज सुबह गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच चूर्ण लें।
- अश्मरीहर काढ़ा सुबह-शाम तीन-तीन चम्मच पानी मिलाकर पिएं।
- रात को चार-पांच मुनक्का एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इसका पानी पिएं। चाहें तो मुनक्का चबा कर खा सकते हैं।

खाने का रखें ध्यान
- गेहूं, चावल, बाजरा, साबूदाना ज्यादा मात्रा में लें।
- गाय का घी, मिश्री, शुद्ध शहद लें।
- प्रोटीनयुक्त खाद्य पदाथार्ें का सेवन अधिक करें।
- सेब, पपीता, चीकू, मौसमी, संतरा, कीनू, आंवला, जैसे फल ज्यादा लें। इनसे पेशाब खुल कर आता है।
- गाजर, खीरा, पत्ता गोभी, लौकी आदि का रस पिएं।
- शर्बत, फलों के जूस, सूप जैसे तरल पदाथार्ें का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- डायलिसिस के मरीज दूध और दूध से बनी चीजें, मांसाहारी खाद्य पदाथार्ें का सेवन कम से कम करें।
- अचार, पापड़, चटनी जैसी चीजों के सेवन से बचें।
- किडनी के लिए खतरनाक सोडियम, पोटैशियम बढ़ाने वाली चीजें जैसे नमक, सेंधा नमक, गुड़ का सीमित मात्रा में सेवन करें।
- रात को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना फायदेमंद है। किडनी संबंधी समस्याएं होने पर दिन भर में आधा से एक लीटर पानी ही पीना चाहिए। ये आयुर्वेदिक उपचार विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।

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