मरियम फातिमा की चाल से मात खा जाते हैं प्रतिद्वंदी
बिहार की बेटी मरियम फातिमा की अंगुली जब शतरंज के बोर्ड पर चलती है तो प्रतिद्वंद्वी सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। शतरंज की मल्लिका मरियम मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। मरियम फातिमा जब तीसरी कक्षा में पढ़ रही थी तो उनके स्कूल में ऑल बिहार शतरंज संघ के बैनर तले राज्य अंडर-9 चैंपियनशिप का आयोजन कराया गया था। स्कूल टीचर ने कहा कि आप भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लें। मरियम पहले से थोड़ा-बहुत शतरंज खेलना जानती थी तो इंट्री भी ले ली।
प्रतियोगिता शुरू होने के 20 दिन पहले से तैयारी में जुट गई और प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पाया। यह थर्ड पोजिशन उसे इस खेल की क्वीन बनने के लिए प्रेरित कर दिया और उसकी अंगुलियां चेस बोर्ड पर थिरकने लगी। इस चैम्पियनशिप में मरियम ने शतरंज की हर चाल में महारथ हासिल करने की कला सिखी। मरियम बिहार के विभिन्न आयु वर्गों की चैम्पियनशिप खेलकर अपनी लोहा मनवा रही है।
शतरंज विशेषज्ञों को सोचने पर विवश कर दिया
बिहार-झारखंड जब एक था तब बिहार वुमेंस सीनियर चेस चैम्पियनशिप में नेर्हा ंसह का एकछत्र राज था। वे जब भी यह चैम्पियनशिप खेली वह चैम्पियन रहीं। इस मिथक को मरियम फातिमा ने (ईलो र्रेंटग-1494) तोड़ दिया। नवंबर 2018 में मुजफ्फरपुर में संपन्न बिहार वुमेंस सीनियर चेस चैम्पियनशिप में साढ़े बारह साल की मरियम फातिमा के शानदार प्रदर्शन से बिहार शतरंज में खलबली मच गई। नेर्हा ंसहर्, ंमकी सिन्हा, गरिमा गौरव समेत बिहार की चुनिन्दा खिलाड़ियों के बीच मरियम फातिमा ने पहली दफा चैंपियन बनकर अपनी प्रतिभा का जबरदस्त एहसास करा दिया।
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