आइसोलेशन वार्ड में हर किसी का आना-जाना

Malay, Last updated: Tue, 17th Mar 2020, 11:26 AM IST
कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए पीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, लेकिन यह मजाक बनकर रह गया है। आम वार्डों की तरह ही इसमें भी मरीजों के परिजन आसानी से आ-जा रहे हैं। यही नहीं कुछ परिजनों का तो...
पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में प्रवेश करते डॉक्टर और कर्मी।

कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए पीएमसीएच में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, लेकिन यह मजाक बनकर रह गया है। आम वार्डों की तरह ही इसमें भी मरीजों के परिजन आसानी से आ-जा रहे हैं। यही नहीं कुछ परिजनों का तो यह भी कहना है कि कभी-कभी वे दवाई और खाना भी वार्ड में ले जाते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि परिजनों के पास एन-95 मास्क तक नहीं है। 

पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। हालांकि अब तक एक भी संदिग्ध मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वार्ड की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं, वह जमीनी स्तर पर नहीं दिख रहे हैं। 

यहां हर दिन दो संदिग्ध मरीज भर्ती किए जा रहे हैं और उनके तीमारदार अस्पताल पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं। वार्ड में भर्ती दरभंगा के एक संदिग्ध मरीज के परिजनों ने तो खराब व्यवस्था को लेकर सोमवार को खूब हंगामा किया। पीएमसीएच की एक स्टाफ नर्स के परिजनों ने भी आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। आरोप है कि वार्ड में मरीजों की स्थिति सही नहीं है। पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है, और पीएमसीएच में मरीज व्यवस्था से लड़ रहे हैं। मरीजों के परिजनों का आरोप है कि वार्ड में व्यवस्था के साथ निगरानी करने वाले भी नहीं है। वार्ड में सुरक्षा पर भी सवाल है, रविवार को एक संदिग्ध मरीज वार्ड से ही भाग गया। 

यह हैं नियम  
- आइसोलेशन वार्ड में मरीजों से मिलना और उनसे बात करना प्रतिबंधित है    
- डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को भी  बचाव किट पहनकर ही अंदर जाना है
- मरीजों के पास से निकलने वाले कचरे के निष्पादन को लेकर कड़ा निर्देश है 
- मरीज के लिए दवा के साथ नाश्ता और खाने का बेहतर इंतजाम होना चाहिए

जमीनी हकीकत
- वार्ड की खिड़की से बात करना, खाना-नाश्ता पहुंचाना यहां आम बात है  
- अधूरे किट पहनकर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी आइसोलेशन वार्ड में जा रहे हैं 
- मरीजों के पास से निकलने वाले कचरे को खुले में ही फेंक दिया जा रहा है
- तीमारदार बाहर से दवा लेकर वार्ड में जा रहे हैं, खाना भी बाहर से ला रहे हैं

कोरोना अपडेट
- कोरोना को लेकर सीएम ने उच्च स्तरीय बैठक की 
- विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित 
- कोरोना को लेकर लगी धारा-144 को हटाने का निर्देश 
- पीएमसीएच की स्टाफ नर्स में मिला कोरोना का लक्षण 
- पटना विवि ने अपने हॉस्टल खाली करने के दिए निर्देश 
- दानापुर मंडल के डीआरएम ने सफाई का लिया जायजा
- परिवहन विभाग की बसों में कराया गया सैनेटाइजेशन 

अस्पताल में नहीं मिल रही हैं दवाएं
पीएमसीएच में भर्ती कोरोना के संदिग्ध मरीजों को अस्पताल से दवाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। परिजनों का आरोप है कि अधिकतर दवाएं बाहर की लिखी जा रही हैं। समस्तीपुर के एक संदिग्ध मरीज विनोद चौधरी के भाई रंजन का आरोप है कि वह पांच हजार से अधिक की दवाएं बाहर से ला चुके हंै। खाना और नाश्ता भी बाहर से ही लाना पड़ रहा है।

क्या है आइसोलेशन वार्ड
आइसोलेशन वार्ड अस्पताल में बनाया जाने वाला विशेष प्रकार का वार्ड होता है। यह सामान्य वार्ड से काफी अलग होता है। इसमें ऐसे मरीज रखे जाते हंै जिनका संपर्क परिजनों या अन्य बाहरी लोगों से नहीं होता है। इस वार्ड में भर्ती मरीजों की निगरानी के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती के साथ ऑक्सीजन व आईसीयू के संयंत्र भी लगाए जाते हैं। संक्रमण को लेकर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।

आइसोलेशन वार्ड में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। डॉक्टर लापरवाही बरत रहे हैं तो इसकी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. बिमल कारक, अधीक्षक पीएमसीएच

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