जमीन का मुकदमा हारा तो जिंदगी से हरा दिया
होली के एक दिन पहले बाइक सवार दो बदमाशों ने एसकेपुरी थाना क्षेत्र में रिटायर डाक कर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दिनदहाड़े हुई घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। सीसीटीवी फुटेज में जमीन का मामला सामने आया जिसके बाद पुलिस पुरानी रंजिश का तार खंगालने में जुट गई। घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों का चेहरा सोमवार को बेनकाब हो गया। पुलिस की गिरफ्त में आए तीन बदमाशों ने चौकाने वाला खुलासा किया है। बदमाशों का कहना है कि न्यायालय से मुकदमा हार जाने के बाद विपक्षी को जिंदगी से हरा दिए। पिता के जेल जाने के बाद बदले की आग वह जल रहा था।
दिनदहाड़े घर के सामने मारी थी तीन गोली
एसकेपुरी थाना क्षेत्र के निवासी और डाक विभाग से अवकाश प्राप्त कर्मी सकलदेव सिंह को बदमाशों ने घर के पास गोली मारी थी। घटना के समय वह अपने बेटे से दस कदम की दूरी पर ही थे, लेकिन बदमाश घटना को अंजाम देने के बाद असलहा लहराते हुए फरार हो गए। पुलिस की जांच में घटना के पीछे जमीन के विवाद का मामला सामने आया। पुलिस टीम ने इस मामले में सूरज राय समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है। सिटी एससपी सेंट्रल अमरकेश ने सोमवार को इसका खुलासा किया है। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर बदमाशों को जेल भेज दिया है।
20 साल पुराने विवाद में बहाया खून
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि शाहपुर थाना क्षेत्र के चांदमारी में 32 कट्ठे का एक प्लाट है। इसी को लेकर सकलदेव और सूरज के पिता देवेंद्र राय के बीच पिछले 20 साल से विवाद चला आ रहा था। पकड़े गए आरोपियों ने आरोप लगाया है कि आठ लाख रुपए लेने के बाद भी सकलदेव ने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की थी। मामला जब न्यायालय पहुंचा तो फैसला भी सकलदेव के पक्ष में आ गया। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपित सूरज के पिता ने 2018 में सकलदेव के साथ मारपीट की थी। इस मामले में देवेंद्र राय को जेल भेजा गया, इससे सूरज के अंदर बदले की आग जल रही थी। पिछले डेढ़ साल में सकलदेव को मारने के लिए सूरज और उसके भाई ने कई बार रेकी और हमला किया।
सीसीटीवी से किया गया मिलान
घटना के बाद से ही जांच में लगी पुलिस की विशेष टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को पकड़ा है। गिरफ्तारी के बाद बदमाशों का मिलान भी फुटेज किया गया है। सिटी एसपी सेंट्रल का कहना है कि सकलदेव सिंह को गोली सूरज ने ही मारी थी। वारदात के बाद से वह फरार चल रहा था, लेकिन पुलिस की टीम लगी हुई थी। लगातार छापेमारी करने के बाद सफलता हाथ लगी है। सूरज को पकड़ा गया और फिर उसकी ही निशानदेही पर उसके भाई सोनू की गिरफ्तारी हुई।
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