स्मार्ट पड़ताल: गंगा में बह गए वादे

Malay, Last updated: Fri, 3rd May 2019, 5:47 PM IST
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पटना जिले का सबसे बड़ा मुद्दा था गंगा की गाद,गंदगी और घाट। जब सांसद प्रत्याशी वोट मांगने गए तो उन्होंने सबसे पहला वादा किया था कि हमें जीतने दीजिए गंगा फिर से स्वच्छ हो...
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होने के बावजूद गंगा नदी में जा रहा नाले का गंदा पानी।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पटना जिले का सबसे बड़ा मुद्दा था गंगा की गाद,गंदगी और घाट। जब सांसद प्रत्याशी वोट मांगने गए तो उन्होंने सबसे पहला वादा किया था कि हमें जीतने दीजिए गंगा फिर से स्वच्छ हो जाएगी। प्रत्याशी चुनाव जीते, सांसद बने लेकिन वादा पूरा नहीं हो पाया। नमामि गंगे के तहत कुछ शिलान्यास भी किए गए लेकिन गंगा मैली ही रह गई। पटना साहिब, पाटलिपुत्र और मुंगेर संसदीय क्षेत्र में ऐसे कई और वादे हैं जो 5 साल में भी पूरे नहीं हो पाए। फिर आम चुनाव आए हैं एक बार फिर वही मुद्दे लोगों की जुबान पर हैं। लोकसभा के प्रत्याशी फिर पुराने मुद्दों की नाव पर नए वादों के साथ उतरे हैं। देखना यह है कि इस बार भी उनकी यह नाव किनारे लग पाएगी या पुराने वादों की तरह डूब जाएगी। 

पटना साहिब 
16वीं लोकसभा के चुनाव में यहां से भाजपा के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत हासिल की थी। चुनाव के पहले ये तीन मुद्दे थे जो आज भी पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं

जलजमाव 
पटना शहर का आधा हिस्सा बारिश में डूब जाता है। वर्ष 2014 में चुनाव के पहले शत्रु ने वादा किया था कि जीतने के बाद शहर में जलजमाव की समस्या हमेशा के लिए दूर कर दी जाएगी। उन्होंने  वादे के मुताबिक अपनी सांसद निधि से कंकड़बाग में संप हाउस भी बनवाया। लेकिन वह तकनीकी रूप से गड़बड़ निकला। संप हाउस का पाइप पानी के ऊपर है, जिसके कारण वह पानी खींच ही नहीं पाता है। 

गंगा की सफाई 
पूरे शहर की गंदगी गंगा नदी में जाकर गिरती है। चुनाव के पहले इसे साफ करने का वादा किया गया था। इसके तहत सीवरेज प्लांट तो बनाया गया लेकिन वह भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। आज भी शहर का सारा सीवरेज गंगा में ही जा रहा है। इसके अलावा गाद निकालने की मशीन भी मंगवाई गई थी लेकिन वह भी काम की नहीं निकली।

गांधी सेतु
उत्तरी बिहार को पटना से जोड़ने वाला गांधी सेतु मौत का झूला बन चुका था। पुल पर लोग जान हथेली पर लेकर चलते थे। चुनाव के समय इसकी मरम्मत का वादा किया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि गांधी सेतु के समानांतर 6 लेन का एक और सेतु बनाया जाएगा। इस सेतु का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है। गांधी सेतु की मरम्मत का काम भी बहुत धीमी गति से चल रहा है। अब पीपापुल के सहारे लोग चलने को मजबूर हैं।

समस्या दूर करने को बनवाया संप हाउस
कंकड़बाग में जलजमाव की समस्या को खत्म करने के  लिए सांसद निधि से संप हाउस बनवाया गया था। संप हाउस के काम न करने की शिकायत जिला प्रशासन को की गई है। 
शत्रुघ्न  सिन्हा, सांसद, पटना साहिब 

हमारे प्रयास से हो रहे विकास कार्य
बेउर में 225 करोड़ से सीवरेज लाइन बिछ रही है। बिहटा-औरंगाबाद रेललाइन के लिए 25 करोड़ रुपए का बजट आया है।
रामकृपाल यादव, सांसद, पाटलिपुत्र 

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