हर तरफ वीरानी, स्वेच्छा से घरों में कैद रही राजधानी

Malay, Last updated: Mon, 23rd Mar 2020, 8:05 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कफ्र्यू के आह्वान का शहर में व्यापक असर देखने को मिला। राजधानी पटना में रविवार को सड़कें सूनीं और गलियां वीरान नजर आईं। दुकानें बंद तो दिखीं ही, सड़कों पर भी लोग नहीं...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कफ्र्यू के आह्वान का शहर में व्यापक असर देखने को मिला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कफ्र्यू के आह्वान का शहर में व्यापक असर देखने को मिला। राजधानी पटना में रविवार को सड़कें सूनीं और गलियां वीरान नजर आईं। दुकानें बंद तो दिखीं ही, सड़कों पर भी लोग नहीं नजर आए। इस जनता कफ्र्यू को सफल बनाने को लेकर लोगों ने एक दिन पहले ही सभी जरूरी सामानों की खरीद कर ली थी, ताकि उन्हें घर से बाहर न निकलना पड़े। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उठाये गये इस एहतियाती कदम का हर किसी ने शत-प्रतिशत पालन किया। राजधानी की हलचल एक दम थम गई थी। 

पूरी तरह से बंद रहे बाजार, नहीं खुली एक भी दुकान 
न्यू पुलिस लाइन, गोलघर चौराहा रोड, गांधी मैदान ऑटो स्टैंड, कारगिल चौक, गांधी मैदान, समेत प्रमुख सड़कों पर आम दिनों में ज्यादा भीड़ रहती थी, लेकिन जनता कफ्र्यू की वजह से यहां सन्नाटा पसरा दिखा और दुकानें बंद रहीं। बीएन कॉलेज स्थित अशोक राजपथ, सब्जीबाग धरना स्थल, खेतान मार्केट, हथुआ मार्केट, बाकरगंज सर्राफा मंडी, ठाकुरबाड़ी रोड, चूड़ी मार्केट तक एक-दो बाइक और कारें ही सड़क पर चलती दिखीं, यहां भी सन्नाटा पसरा दिखा। इस दौरान बाजार पूरी तरह से बंद रहे। कई जगह पुलिस सड़क पर दिख रहे लोगों को मास्क लगाने और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए कहती दिखी। 

राजाबाजार से लेकर दानापुर स्टेशन पर नहीं दिखे वाहन
राजधानी के पश्चिमी इलाकों में जनता कफ्र्यू के दौरान सड़कों पर सन्नाटा रहा। सुबह से शाम तक कहीं भी वाहन नहीं निकले। आशियाना-दीघा रोड, राजाबाजार, जगदेशपथ, रुकनपुरा, रुपसपुर, गोला रोड, आरपीएस मोड़, सगुना मोड़ होते हुए खगौल जंक्शन तक गाड़ियां नहीं दिखीं। सड़कों पर बिना काम का एक भी व्यक्ति बाहर नहीं निकला। अपनी ड्यूटी पर जाने के दौरान पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर आई। हालांकि, मुख्य चौक चौराहों पर पुलिस की तैनाती नहीं दिखाई पड़ती। जगदेवपथ के बाद सगुना मोड़ पर ही पुलिस की वैन नजर आई। दवा दुकानें पूर्व की तरह ही खुली रहीं।

बांकीपुर बस स्टैंड पर पसरा रहा सन्नाटा
जनता कफ्र्यू के दौरान गांधी मैदान स्थित बांकीपुर स्टैंड पर सन्नाटा पसरा दिखा। स्टैंड परिसर में सभी बसें एक साथ लाइन में खड़ी दिखीं। कई यात्री बस स्टैंड के पास खड़े दिखे। पूछने पर बताया कि पटना जंक्शन से पैदल चलकर आये हैं। यहां आने पर पता चला कि जनता कफ्र्यू की वजह से बसों का परिचालन बंद है। बीच-बीच में प्रशासन द्वारा दानापुर रेलवे स्टेशन से बांकीपुर स्टैंड के बीच चलाई जा रहीं बसें आ-जा रहीं थीं। पूछने पर बस ड्राइवर ने बताया कि दानापुर स्टेशन पर मुंबई से आये ट्रेन से उतरे यात्रियों की स्र्कैंनग होने के बाद यात्रियों को बस स्टैंड लाया जा रहा है। पूरा एहतियात बरता जा रहा है।

सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहनों की रही आवाजाही
जनता कफ्र्यू के दौरान इलाके की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। गलियां और मोहल्ले वीरान रहीं। सामान्य दिनों में सर्वाधिक जाम और भीड़भाड़ की समस्या से जूझने वाला राजेंद्रनगर टर्मिनल, अगमकुआं, कंकडड़बाग टेंपो स्टैंड आदि इलाकों की सड़कों पर दिनभर वीरानगी पसरी रही। शहर के चौराहों पर भीड़ न हो, इसके लिए कुछ स्थानों पर पुलिस की सक्रियता तो दिखी लेकिन पश्चिम दरवाजा, मीना बाजार, गुलजार बाग हाट, अगमकुआं पुल तिराहा, मलाही पकड़ी आदि इलाकों में दूर-दूर तक पुलिस प्रशासन का कहीं कुछ अता-पता नहीं रहा। हालांकि  हर जगह सन्नाटा ही रहा।

राजेंद्र नगर अस्पताल में डाक्टर नदारद
जनता कफ्र्यू के दिन राजेन्द्र नगर अस्पताल में हिन्दुस्तान स्मार्ट रिपोर्टर जब सुबह 10 बजे पहुंचा तो यहां सिर्फ दो कर्मचारी मिले। हालांकि कोई मरीज नहीं थ।े निदेशक का कमरा बंद था। जहां डॉक्टर बैठते हैं, वहां भी कोई नहीं दिखा। काउंटर भी खाली था। रिपोर्टर पुन: ढाई बजे इस अस्पताल का जायजा लिया तो इस वक्त तक भी कोई डॉक्टर नहीं आए थे। सिर्फ एक नर्स और एक अन्य कर्मी दिखे। इस संबंध में जब अस्पताल के निदेशक डा. नरेश भीमसरिया से फोन पर बात की गई तो उन्होंने आश्चर्य जताया।

लोगों ने खूब दिया जनता कफ्र्यू में साथ
लोहानीपुर, नाला रोड, राजेन्द्र नगर के वासियों ने भी जनता कफ्र्यू का खूब साथ दियो इन इलाकों की सड़कें बिलकुल सूनी रहीे इक्का -दुक्का आदमी ही नजर आ रहे थे यदि लोहानीपुर की बात करे तो इस मोहल्ले की आबादी काफी हैे बावजूद लोग घरों में ही रहे दुकानें पूरी ह बंद रहीे सिर्फ दवा की खुली थीे यहाँ तक की दूध की दूकान भी बंद रहीे शाम छह-सात बजे के बाद मोहल्ले की सड़कों पर कुछ -कुछ आदमी नजर आ रहे थे

एनएमसीएच: सुरक्षा को लेकर लापरवाही
एनएमसीएच के कर्मचारी और चिकित्सक खुद की सुरक्षा तो चाक-चौबंद कर रखे थे, लेकिन मरीजों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही दिखी। वार्डो में भर्ती मरीजों के लिए न तो मास्क की सुविधा दी गई और न ही उनके सैनिटाइजेशन आदि का ही बंदोस्त रहा। लापरवाही की हद तो तब हो गई, जब एक ही बेड पर मरीज के साथ उनके परिवार के सदस्यों को भी देखा गया। अस्पताल के वार्डो के बाहर शौचालय और गलियारे में कई दिनों से कचरा सड़ते देखा गया। मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि सामान्य वार्डो के आसपास एक-एक सप्ताह तक सफाई नहीं की जाती। मरीजों को इसी प्रदूषण भरे माहौल में सांस लेनी पड़ रही है। अस्पताल परिसर में ब्र्लींचग और दूसरे कीटनाशक दवाओं तक का छिड़काव नहीं किया जाता। 

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