शराब छोड़कर देखें, महीने भर में ही गजब के फायदे
सभी जानते हैं कि शराब सेहत के लिए नुकसानदायक है। इसके नियमित सेवन से कैंसर, लिवर और हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो शराब छोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन लत फिर हावी हो जाती है। उधर, पश्चिमी देशों में ‘ड्राय मंथ’ (पूरे महीने शराब का सेवन नहीं) अभियान चलाया जाता रहा है। कोशिश यही रहती है कि लोग एक महीने शराब से दूर रहें, क्योंकि यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के मुताबिक, पूरे महीने तक शराब से दूर रहना शराब के आदी हो चुके लोगों के लिए काफी फायदेमंद है।
ससेक्स यूनिवर्सिटी के डॉ. रिचर्ड डी. विसर ने अपने शोध में पाया कि 2018 में ड्राई जनवरी में हिस्सा लेने वाले लोगों में हमेशा ऊर्जा बनी रही। उनका वजन भी कंट्रोल में रहा। सबसे बड़ी बात, एक महीने के अंतराल के बाद उन्हें शराब पीने की जरूरत पहले से कम महसूस हुई। अध्ययन में 2821 लोगों ने हिस्सा लिया था। पहले ये हफ्ते में औसत 4.3 दिन शराब पीते थे, जो बाद में घटकर 3.3 दिन रह गई। एक बार में शराब पीने की मात्रा भी 8.6 यूनिट से घटकर 7.1 यूनिट रह गई। साथ ही 10 में से 9 लोगों को पैसों की बचत हुई, 10 में से 7 लोगों को बेहतर नींद आने लगी, हर पांच में से तीन लोगों का वजन घट गया।
शराब की लत का यह है इलाज
जिन लोगों को शराब की लत होती है, वे यह तय नहीं कर पाते हैं कि वे कितनी शराब पिएंगे, कब तक पिएंगे और इसके क्या बुरे नतीजे होंगे? ऐसे लोगों के लिए एकदम से शराब छोड़ना मुश्किल होता है। ऐसे लोगों को शराब के खतरों से वाकिफ करवाया जाना चाहिए। हो सकता है खतरा भांप कर वे पीना कम कर दें या बंद कर दें। शराब की लत छुड़ाने के लिए डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाओं का सहारा भी लिया जा सकता है, लेकिन सबसे जरूरी है मरीज की मानसिक मजबूती। यदि वह दृढ़ निश्चय कर ले तो ही शराब छोड़ी जा सकती है।
दिमाग को पीने के लिए उकसाती है
पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं ने शराब का एक रोचक पहलू पता किया है। इनका कहना है कि शराब दिमाग को और शराब पीने के लिए उकसाती है। यही कारण है कि एक बार शराब पीने के बाद जब व्यक्ति उसी बार के सामने से गुजरता है या उन्हीं दोस्तों के संपर्क में आता है तो शराब दिमाग को जगा देती है।
एक महीने शराब छोड़ने के फायदे
71 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे बेहतर नींद लेने लगे
70 प्रतिशत ने अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर पाया
67 प्रतिशत को शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ा हुआ लगा
58 प्रतिशत ने अपना वजन कम कर लिया
57 प्रतिशत ने एकाग्रता (फोकस) में सुधार पाया
54 प्रतिशत को अपनी त्वचा में चमक नजर आई
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