पटना के दो संक्रमितों ने कोरोना से जीती जंग!

कोरोना के कहर के बीच बड़ी राहत की खबर है। पटना में दो कोरोना संक्रमितों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने अपने आत्मबल से कोरोना को हरा दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग एहतियातन एक बार फिर इन दोनों मरीजों के नमूने की जांच करवा रहा है।
कोरोना के मरीज अपने आत्मबल और डॉक्टरों की देखरेख से स्वस्थ भी होने लगे हैं। पटना में पहली बार दो संक्रमितों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एनएमसीएच के कोरोना नोडल सेंटर में भर्ती पांच पीड़ितों का सैंपल रविवार को जांच के लिए आरएमआरआई भेजा गया था। जहां दो मरीजों का सैंपल निगेटिव आया है। दोनों युवकों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।
फुलवारीशरीफ के वभनपुरा का रहने वाला 25 वर्षीय युवक स्कॉटलैंड से लौटा था और बटाऊकुआं का युवक गुजरात से घर आया था। जिसके बाद कोरोना के लक्षण मिलने पर फुलवारीशरीफ के युवक को 21 मार्च और बटाऊकुआं के युवक को 22 मार्च को एनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। दोनों की रिपोर्ट पाॅिजटिव आने के बाद डॉक्टरों ने प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर उनका इलाज शुरू कर दिया था। एक सप्ताह बीत जाने के बाद दोनों की रिटेस्टिंग करायी गयी तो दोनों संक्रमण से मुक्त पाए गए। अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि चौबीस घंटे के बाद दोनों की फिर से सैंपल जांच कराई जाएगी। यदि दोबारा भी रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें 14 दिन के आइसोलेशन में रखा जाएगा और फिर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ बिहार में चार और नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं।
सैफ से चार लोग और हुए संक्रमित
पटना में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को आईजीआईएमएस लैब में चार संदिग्धों की रिपोर्ट पॉजिटिव आर्ई। ये चारों भागलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। ये चारों लोग नेशनल हॉस्पिटल मुंगेर के कर्मचारी हैं। पटना में इलाज कराने से पहले सैफ का इलाज इसी हॉस्पिटल में हुआ था। कॉलेज से 11 नमूने आईजीआईएमएस में जांच के लिए आए थे। इसमें सात लोगों की निगेटिव रिपोर्ट आई है। हालांकि कॉलेज अधीक्षक ने इस बात से इंकार किया है। अब बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या 15 हो गई है। इनमें पटना के पांच, मुंगेर व भागलपुर के 4-4, सीवान और नालंदा के एक-एक मरीज शामिल हैं।
डॉक्टर ने कहा- हारें नहीं, हरा दें कोरोना को
पटना में पहली बार किसी कोरोना पीड़ित ने अपना दर्द अखबार से साझा किया है। जो गलती उसने की, अब वह चाहता है कि कोई और न करे। आप भी पढ़िए है बटाऊकुआं के रहने वाले पीड़ित की कहानी, उसी की जुबानी।
- मैं गुजरात से 8 मार्च को पटना सिटी आया। पटना आते ही हल्की खांसी आने लगी। पहले भी जब मैं घर आता था, तो सर्दी-खांसी हो जाती थी। मुझे लगा कि मौसम और जगह बदली तो इस बार भी इसलिए यह सब हो रहा है। मैं दोस्तों के घर दावत पर गया। घर के कई काम किए, लेकिन मेरी तबीयत बिगड़ती गई।
- 19 मार्च को गले में तेजी से खरास शुरू हुई। सांस फूलने लगी। अगले दिन बुखार आ गया। 22 मार्च को हालत ज्यादा खराब हुई तो पिता के साथ जगत सिंह चौक पर एक निजी अस्पताल में दिखाया। डॉक्टर ने कोरोना के लक्षण बताकर एनएमसीएच भेज दिया।
- एनएमसीएच में मेरे खून का नमूना लिया गया। अगले दिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मैं बहुत अधिक घबरा गया, लेकिन हार नहीं मानी। मुझे जीना है और मैं जिऊंगा। मैंने अपना आत्मबल मजबूत रखा और डॉक्टर की बताई दवाइयां समय पर लेता रहा। अब न तो मुझे बुखार है और न सर्दी। अब मैं स्वस्थ हूं।
मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। संक्रमण होने पर भी घबराने की जरूरत नहीं है। आइसोलेशन और चिकित्सकों की निगरानी में उपचार से लोग रोगमुक्त हो सकते हैं।
- अजय कुमार सिन्हा, नोडल पदाधिकारी, कोरोना सेंटर, एनएमसीएच
कोरोना अपडेट
- एम्स में 55 लोगों की स्क्र्रींनग हुई जिसमें चार को भर्ती किया गया, पांच की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
- आरएमआरआई में 125 नमूनों की जांच की गई, जिसमें किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।
- आईजीआईएमएस में रविवार को कुल 14 संदिग्ध जांच के लिए आए, इसमें एक संदिग्ध को भर्ती कर उसका नमूना भेजा गया है।
- एम्स में पांच लोगों की जांच कर एक संदिग्ध को भर्ती किया गया।
- एम्स में पांच लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।
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